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बेमौसम बरसात से किसान परेशान, खेतों में भरा पानी, फसल हुआ नष्ट

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बिना मौसम के बरसात(Rain) का खामियाजा किसानों (farmers) को भुगतना पड़ रहा है. लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलजमाव (Water logging in fields) की स्थिति है. साथ ही फसल नष्ट (Crop destroyed) होने के डर से किसान परेशान हैं.

Farmers upset due to unseasonal rain
बेमौसम बरसात से किसान परेशान
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Published : Nov 14, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 6:21 PM IST

धमतरीः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लगातार हो रही बारिश (Rain) ने किसानों की चिंता (farmers concern) बढ़ा दी है. साथ ही बीते रात से हो रही भारी बारिश (Heavy rain) से किसानों के फसल नष्ट होने का भय है. बारिश के कारण खेतों में डूबे फसल और खेतों से बहते पानी की धार किसानों के लिए बर्बादी लेकर आई है. किसानों ने पहले ही नुकसान होने का हवाला देते हुए शासन से एक नवबंर से धान खरीदी (Paddy purchased) करने की मांग की थी, लेकिन शासन ने कोई ध्यान नही दिया. ऐसे में बारिश से फसल नुकसान होने पर किसानों के पास मायूसी के अलावा और कुछ नही बचा. हालांकि इस मुद्दे पर भी सियासी घमासान मचा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस इस पर भी सियासत करने से नहीं चूक रही.

खेतों में भरा पानी फसल हुआ नष्ट

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धमतरी में किसानों के फसल बर्बादी के कगार पर

वहीं, धमतरी (Dhamtari) जिला में खेतों से सामने आयी तस्वीर काफी कुछ बयां कर रही है. एक ओर जहां खेतों में कटकर रखे फसल पर बारिश ने तबाही मचा दी है. तो वहीं, दूसरी ओर खेतों में बारिश के पानी से डूबे फसल किसानों को रूला रही है. इस विषय में किसानों का कहना है कि मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए शासन से जल्द ही धान खरीदी की मांग की थी. लेकिन शासन ने एक दिसबंर से धान खरीदी घोषणा की है, जिसके चलते किसानो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान की खेती के लिए काल हो सकता है बारिश

किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से खेतों में रखे कटे हुए फसल पानी मे डूब गए है. वहीं पानी में डूबने से इन फसलों में जराई आ सकती है. धान के बालियों में बारिश के पानी से दाग पड़ने पर धान बेचने में दिक्कतें होगी, क्योंकि धान खरीदी केंद्रों में इसे खरीदने के लिए ग्राहक आनाकानी करते हैं.

इन इलाकों में होती है धान की अधिक पैदावार

बता दें कि धमतरी सूबे का वो इलाका है, जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. यहां दोनों सीजन में धान की बम्पर पैदावारी होती है. जिले में इस साल एक लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर किसानों ने खरीफ सीजन में धान फसल लगाई थी. जिसकी कटाई लगातार किसान कर रहे है. वहीं, धान खरीदी की बात करें तो जिले में पिछले साल समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए एक लाख 11 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया था. वहीं, जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों में 42 लाख 77495 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी. इस साल भी करीब 90 धान उपार्जन केंद्रों से धान की खरीदी की जाएगी.

भाजपा ने फसल नुकसान का कारण बघेल सरकार को बताया

वहीं, बीजेपी ने बारिश से हुए किसानों के फसल नुकसान के लिए भूपेश बघेल की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. उनका कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार निक्कमी सरकार है. असंवेदनशील है. बीजेपी लगातार 1 नवम्बर से धान खरीदी की मांग कर रही है, लेकिन इसके बावजूद सरकार जानबूझकर धान खरीदी में लेटलतीफी कर रही है. जिसके कारण आज बारिश से किसानों का फसल बर्बादी की कगार पर है. जबकि सरकार के इस विलंब से किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो रहे है.

कांग्रेस ने मुद्दे पर किया पलटवार

वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बारिश प्राकृतिक आपदा है. साथ ही कांग्रेस नेताओं ने किसानों से अपील की है कि मौसम ठीक होने पर धान को पलटाकर सूखायें. साथ ही भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता आनंद पवार ने कहा कि देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं. उस ओर तो ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में बीजेपी कैसे किसान हितैषी हो सकते है.बता दें कि अभी धान खरीदी शुरू होने में 15 दिन का वक्त और बाकी है. इस बीच अगर बारिश और होती है, तो यकीनन किसानों की तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाएगी.

धमतरीः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लगातार हो रही बारिश (Rain) ने किसानों की चिंता (farmers concern) बढ़ा दी है. साथ ही बीते रात से हो रही भारी बारिश (Heavy rain) से किसानों के फसल नष्ट होने का भय है. बारिश के कारण खेतों में डूबे फसल और खेतों से बहते पानी की धार किसानों के लिए बर्बादी लेकर आई है. किसानों ने पहले ही नुकसान होने का हवाला देते हुए शासन से एक नवबंर से धान खरीदी (Paddy purchased) करने की मांग की थी, लेकिन शासन ने कोई ध्यान नही दिया. ऐसे में बारिश से फसल नुकसान होने पर किसानों के पास मायूसी के अलावा और कुछ नही बचा. हालांकि इस मुद्दे पर भी सियासी घमासान मचा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस इस पर भी सियासत करने से नहीं चूक रही.

खेतों में भरा पानी फसल हुआ नष्ट

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धमतरी में किसानों के फसल बर्बादी के कगार पर

वहीं, धमतरी (Dhamtari) जिला में खेतों से सामने आयी तस्वीर काफी कुछ बयां कर रही है. एक ओर जहां खेतों में कटकर रखे फसल पर बारिश ने तबाही मचा दी है. तो वहीं, दूसरी ओर खेतों में बारिश के पानी से डूबे फसल किसानों को रूला रही है. इस विषय में किसानों का कहना है कि मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए शासन से जल्द ही धान खरीदी की मांग की थी. लेकिन शासन ने एक दिसबंर से धान खरीदी घोषणा की है, जिसके चलते किसानो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान की खेती के लिए काल हो सकता है बारिश

किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से खेतों में रखे कटे हुए फसल पानी मे डूब गए है. वहीं पानी में डूबने से इन फसलों में जराई आ सकती है. धान के बालियों में बारिश के पानी से दाग पड़ने पर धान बेचने में दिक्कतें होगी, क्योंकि धान खरीदी केंद्रों में इसे खरीदने के लिए ग्राहक आनाकानी करते हैं.

इन इलाकों में होती है धान की अधिक पैदावार

बता दें कि धमतरी सूबे का वो इलाका है, जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. यहां दोनों सीजन में धान की बम्पर पैदावारी होती है. जिले में इस साल एक लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर किसानों ने खरीफ सीजन में धान फसल लगाई थी. जिसकी कटाई लगातार किसान कर रहे है. वहीं, धान खरीदी की बात करें तो जिले में पिछले साल समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए एक लाख 11 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया था. वहीं, जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों में 42 लाख 77495 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी. इस साल भी करीब 90 धान उपार्जन केंद्रों से धान की खरीदी की जाएगी.

भाजपा ने फसल नुकसान का कारण बघेल सरकार को बताया

वहीं, बीजेपी ने बारिश से हुए किसानों के फसल नुकसान के लिए भूपेश बघेल की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. उनका कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार निक्कमी सरकार है. असंवेदनशील है. बीजेपी लगातार 1 नवम्बर से धान खरीदी की मांग कर रही है, लेकिन इसके बावजूद सरकार जानबूझकर धान खरीदी में लेटलतीफी कर रही है. जिसके कारण आज बारिश से किसानों का फसल बर्बादी की कगार पर है. जबकि सरकार के इस विलंब से किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो रहे है.

कांग्रेस ने मुद्दे पर किया पलटवार

वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बारिश प्राकृतिक आपदा है. साथ ही कांग्रेस नेताओं ने किसानों से अपील की है कि मौसम ठीक होने पर धान को पलटाकर सूखायें. साथ ही भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता आनंद पवार ने कहा कि देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं. उस ओर तो ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में बीजेपी कैसे किसान हितैषी हो सकते है.बता दें कि अभी धान खरीदी शुरू होने में 15 दिन का वक्त और बाकी है. इस बीच अगर बारिश और होती है, तो यकीनन किसानों की तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाएगी.

Last Updated : Nov 14, 2021, 6:21 PM IST

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