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धमतरी: यहां की सब्जियों की दिल्ली तक है डिमांड, कम खर्च में ऐसे उगाते हैं किसान

जिले के भुरसीडोंगरी गांव में आधुनिक खेती से अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग आ गई है. गांव में किसान लगभग 700 एकड़ जमीन पर ड्रिप इरीगेशन (सिंचाई) पद्धति से सब्जी की खेती कर रहे हैं.

अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग
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Published : Apr 3, 2019, 10:14 AM IST

Updated : Apr 3, 2019, 1:49 PM IST

आधुनिक खेती से अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग
धमतरी: जिले के भुरसीडोंगरी गांव में आधुनिक खेती से अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग आ गई है. गांव में किसान लगभग 700 एकड़ जमीन पर ड्रिप इर्रिगेशन (सिंचाई) पद्धति से सब्जी की खेती कर रहे हैं. इससे यहां के किसानों के पैसे के साथ समय का भी लाभ हो रहा है.

फसली खेती में मौसम की मार कई बार किसानों की हिम्मत तोड़ देती थी. ऊपर से पानी की कमी के कारण फसल कई बार फसल सूख जाती थी. जिससे किसानों को लाखों का नुकसान होता था, लेकिन आधुनिक खेती ने आज वनाचंल के किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है.

सब्जी की खेती से हो रहा मुनाफा
जिला मुख्यालय से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर भुरसीडोंगरी गांव में आधुनिक खेती की नई पहल की गई है. मौजूदा वक्त में यहां के किसान एक हजार एकड़ में सब्जी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्नत कृषि कर यहां के किसान धान की खेती से हट कर अब सब्जी की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.

ड्रिप इर्रिगेशन से सिंचाई
यहां किसान लगभग 700 एकड़ में ड्रिप इर्रिगेशन (सिंचाई) पद्धति से सब्जी की खेती करते हैं. किसानों की इसी पहल से यहां के कई बेरोजगार युवकों को भी सब्जी बाड़ी में काम मिल रहा है. ग्रामीण बताते हैं, पहलेरोजगार गारंटी का काम उन्हें साल में दो चार महीने ही मिल पाता था और मजदूरी भी समय पर नहीं मिलती थी.कभी-कभी उन्हें मजदूरी के लिए साल भर इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सब्जी बाड़ी में काम के साथ समय पर मजदूरी मिल रहीहै.

दिल्ली तक सब्जियों की डिमांड
किसानों ने बताया कि, यहां की सब्जी धमतरी, रायपुर और दुर्ग मंडी में भेजी जाती है. यहां अच्छे मुनाफे में सब्जियां बिक जाती हैं. किसानों ने बताया कि, यहां की सब्जियों कीडिमांड दिल्ली तक है.

दूसरे किसानों के लिए बने प्रेरणा
बताते हैं यहां के हर घर से एक सदस्य सरकारी नौकरी में है और सब्जी की खेती भी करता है. जाहिर है हर घर नौकरी होने से गांव के लोग शिक्षित तो हैं ही साथ ही अब इस शिक्षा का उपयोग खेती किसानी में अच्छे ढंग से कर रहे हैं. बहरहाल सब्जी की खेती में क्षेत्र को नई पहचान देने वाले यहां के किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.

आधुनिक खेती से अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग
धमतरी: जिले के भुरसीडोंगरी गांव में आधुनिक खेती से अन्नदाताओं के चेहरे पर नई उमंग आ गई है. गांव में किसान लगभग 700 एकड़ जमीन पर ड्रिप इर्रिगेशन (सिंचाई) पद्धति से सब्जी की खेती कर रहे हैं. इससे यहां के किसानों के पैसे के साथ समय का भी लाभ हो रहा है.

फसली खेती में मौसम की मार कई बार किसानों की हिम्मत तोड़ देती थी. ऊपर से पानी की कमी के कारण फसल कई बार फसल सूख जाती थी. जिससे किसानों को लाखों का नुकसान होता था, लेकिन आधुनिक खेती ने आज वनाचंल के किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है.

सब्जी की खेती से हो रहा मुनाफा
जिला मुख्यालय से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर भुरसीडोंगरी गांव में आधुनिक खेती की नई पहल की गई है. मौजूदा वक्त में यहां के किसान एक हजार एकड़ में सब्जी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्नत कृषि कर यहां के किसान धान की खेती से हट कर अब सब्जी की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.

ड्रिप इर्रिगेशन से सिंचाई
यहां किसान लगभग 700 एकड़ में ड्रिप इर्रिगेशन (सिंचाई) पद्धति से सब्जी की खेती करते हैं. किसानों की इसी पहल से यहां के कई बेरोजगार युवकों को भी सब्जी बाड़ी में काम मिल रहा है. ग्रामीण बताते हैं, पहलेरोजगार गारंटी का काम उन्हें साल में दो चार महीने ही मिल पाता था और मजदूरी भी समय पर नहीं मिलती थी.कभी-कभी उन्हें मजदूरी के लिए साल भर इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सब्जी बाड़ी में काम के साथ समय पर मजदूरी मिल रहीहै.

दिल्ली तक सब्जियों की डिमांड
किसानों ने बताया कि, यहां की सब्जी धमतरी, रायपुर और दुर्ग मंडी में भेजी जाती है. यहां अच्छे मुनाफे में सब्जियां बिक जाती हैं. किसानों ने बताया कि, यहां की सब्जियों कीडिमांड दिल्ली तक है.

दूसरे किसानों के लिए बने प्रेरणा
बताते हैं यहां के हर घर से एक सदस्य सरकारी नौकरी में है और सब्जी की खेती भी करता है. जाहिर है हर घर नौकरी होने से गांव के लोग शिक्षित तो हैं ही साथ ही अब इस शिक्षा का उपयोग खेती किसानी में अच्छे ढंग से कर रहे हैं. बहरहाल सब्जी की खेती में क्षेत्र को नई पहचान देने वाले यहां के किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.

Intro:

एंकर ....नगरी- कभी पानी की कमी और कभी उसकी अधिकता से फसलों को मरते देखने वाले किसानों की हिम्मत कई बार टूटी.मौसम की मार ने कई बार लाखों का नुकसान भी पहुंचाया लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी.खेती करने और इसे लाभ का धंधा बनाने की जिद से आज वनाचंल इलाके किसान उन्नतशील किसान बन रहे है.धमतरी मुख्यालय से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर भुरसीडोंगरी आधुनिक खेती की नई पहल ने अब किसानों के चेहरे पर नई उमंग ला दिया है.मौजूदा वक्त में यहां के किसान 1 हजार एकड़ में सब्जी की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे है.Body:बता दें कि सरकारी नौकरी की दृष्टि से देखा जाय तो यहां हर परिवार से एक सदस्य सरकारी नौकरी में है.जाहिर है हर घर नौकरी होने से गांव के लोग शिक्षित तो है ही साथ ही अब इस शिक्षा का उपयोग खेती किसानी में अच्छे ढंग से कर रहे है.इसके आलावा उन्नत कृषि कर यहां के किसान धान की खेती से हट कर अब सब्जी की खेती को भी बढ़ावा दे रहे है और अच्छी आमदनी कमा रहे है.यहां किसान लगभग 700 एकड़ ड्रिप पद्धति से सब्जी की खेती करते है वहीँ सामान्य तरीके से लगभग 300 एकड़ में खेती होती है किसानों की इसी पहल से यहाँ के कई बेरोजगार नवयुवको को भी सब्जी बाड़ी में काम मिल रहा है.जबकि पहले मजदूर मजदूरी के लिये भटकते थे.गांव वाले बताते है कि रोजगार गारंटी का काम दो चार माह ही मिल पाता है जिसकी मजदूरी राशि समय पर मिलने की गारंटी नही होती.मजदूरी राशि मिलने साल भर भी लग जाता है.जबकि सब्जी की बाड़ी में मजदूरी करने से रोजाना मजदूरी राशि मिलता है.किसानों का कहना है कि यहाँ की सब्जी को धमतरी रायपुर दुर्ग मंडी भेजते है जहां अच्छे मुनाफे सब्जियां बिक जाती है.किसान अरुण सार्वा बताते है कि यहाँ का करेला में गुणवत्ता काफी अच्छी है जिसके कारण इसकी डिमांड दिल्ली तक है.

बहरहाल सब्जी की खेती में क्षेत्र को नई पहचान देने वाले यहां किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए है जो एक समय में एक फसली खेती से हताशा भरी जिंदगी जी रहे थे लेकिन सब्जी की खेती ने इन किसानों को उबार दिया है.
बाइट.... अरुण सार्वा किसान
बाईट.... बिट्टू साहू किसान
बाईट.... चन्द्रिका बाई मजदूर
बाईट.. ऊषा बाई मजदूर

जय लाल प्रजापति नगरी (धमतरी) 8319178303Conclusion:
Last Updated : Apr 3, 2019, 1:49 PM IST
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