ETV Bharat / state

धमतरी: इस गांव में आज भी बिना रावण दहन के मनाया जाता है दशहरा - तेलीनसती गांव का दशहरा

धमतरी से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव तेलीनसती में आज भी बिना रावण दहन के दशहरा मनाया जाता है.

तेलीनसती गांव धमतरी
author img

By

Published : Oct 8, 2019, 11:32 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 12:08 PM IST

धमतरी : वक्त बदला जमाना बदला, लोगों के रहन सहन का तरीका बदला, लेकिन तेलीनसती गांव की वर्षों पुरानी मान्यता में कोई बदलाव नहीं आया. धमतरी से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव में आज भी बिना रावण दहन के दशहरा मनाया जाता है. गांव वालों की मान्यता है कि आग लगने से उन पर मुसीबत आ सकती है.

धमतरी के गांव तेलीनसती में नहीं होता रावण दहन

धमतरी से करीब 3 किलोमीटर दूर तालाब किनारे मौजूद इस मंदिर के इतिहास में ही गांव के अनोखे दस्तूर की दास्तां छिपी है. तेलीनसती नाम के इस गांव में न दशहरे में रावण का दहन किया जाता है और न ही होली जलाई जाती है.

कुछ अलग है यहां की कहानी
वैसे इन त्यौहारों की खुशियां और उमंग यहां छोटे से लेकर हर बड़े और बूढ़ों में बराबर नजर आती है, लेकिन इन दोनों मौके पर गांव में आग नहीं जलाई जाती.

  • अगर यह सब होता भी है तो गांव की सरहद के बाहर होता है. आज तक किसी ने इस परंपरा के बाहर जाने की कोशिश नहीं की.
  • यहां के लोग कहते हैं कि इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश करने पर गांव में मुसीबत आ जाती है.
  • गांव वालों की मानें तो सदियों पहले इस गांव में एक महिला अपने पति की चिता में सती हुई थी तब से यह परंपरा चली आ रही है.
  • पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस मान्यता को युवा वर्ग अंधविश्वास से परे आस्था से जोड़कर देखता है और इसे संजोए रखने की बात कहता है.

धमतरी : वक्त बदला जमाना बदला, लोगों के रहन सहन का तरीका बदला, लेकिन तेलीनसती गांव की वर्षों पुरानी मान्यता में कोई बदलाव नहीं आया. धमतरी से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव में आज भी बिना रावण दहन के दशहरा मनाया जाता है. गांव वालों की मान्यता है कि आग लगने से उन पर मुसीबत आ सकती है.

धमतरी के गांव तेलीनसती में नहीं होता रावण दहन

धमतरी से करीब 3 किलोमीटर दूर तालाब किनारे मौजूद इस मंदिर के इतिहास में ही गांव के अनोखे दस्तूर की दास्तां छिपी है. तेलीनसती नाम के इस गांव में न दशहरे में रावण का दहन किया जाता है और न ही होली जलाई जाती है.

कुछ अलग है यहां की कहानी
वैसे इन त्यौहारों की खुशियां और उमंग यहां छोटे से लेकर हर बड़े और बूढ़ों में बराबर नजर आती है, लेकिन इन दोनों मौके पर गांव में आग नहीं जलाई जाती.

  • अगर यह सब होता भी है तो गांव की सरहद के बाहर होता है. आज तक किसी ने इस परंपरा के बाहर जाने की कोशिश नहीं की.
  • यहां के लोग कहते हैं कि इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश करने पर गांव में मुसीबत आ जाती है.
  • गांव वालों की मानें तो सदियों पहले इस गांव में एक महिला अपने पति की चिता में सती हुई थी तब से यह परंपरा चली आ रही है.
  • पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस मान्यता को युवा वर्ग अंधविश्वास से परे आस्था से जोड़कर देखता है और इसे संजोए रखने की बात कहता है.
Intro:वक्त जरूर बदला लेकिन तेलीनसती गांव के दस्तूर नहीं बदले. धमतरी से करीब 3 किलोमीटर दूर इस गांव में आज भी बिना रावण दहन के दशहरा मनाया जाता है.गांव वालों की मान्यता है कि आग जलाने से उनके ऊपर आफत आ सकती है जबकि सदियों से चली आ रही इस परंपरा को युवा वर्ग अंधविश्वास के बजाय आस्था से जोड़कर देखता है और इसे संजोए रखने की बात कहता है.


Body:धमतरी की सरहद से करीब 3 किलोमीटर दूर तालाब किनारे मौजूद इस मंदिर के इतिहास में ही गांव के अनोखे दस्तूर की दास्तां छिपी है कि आखिर क्यों तेलीनसती नाम के इस गांव में न दशहरे में रावण का दहन किया जाता है और न ही होली जलाई जाती है.वैसे इन त्यौहारों की खुशियां और उमंग यहां छोटे से लेकर हर बड़े बूढ़ों में बराबर नजर आती है लेकिन इन दोनों मौके पर गांव में आग नहीं चलती.अगर यह सब होता भी है तो गांव की सरहद के बाहर होता है.आज तक किसी ने इस दस्तूर के बाहर जाने की कोशिश नहीं की.कहते हैं कि इस परंपरा को तोड़ने की जुर्रत करने पर गांव में आफत आती है.गांव वालों की मानें तो सदियों से पहले इस गांव में एक महिला अपने पति की चिता में सती हुई थी तब से यह परंपरा चली आ रही है.

वैसे पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस मान्यता पर आज की पीढ़ी भी यकीन रखता है और इसे आस्था से जोड़ते हुए आगे बढ़ाने की वकालत कर रहा है.


Conclusion:बहरहाल तेलीनसती गांव का अनोखे दस्तूर अब इस गांव की पहचान बन चुका है.जहां के लोग सदियों से तीज त्यौहार अपने तरीके से मनाते हैं जो दिगर गांव से अलहदा और निराला होता है.

बाईट_01पुराणिक सिन्हा, स्थानीय बुजुर्ग
बाईट_02 कुलेश्वर सिन्हा, स्थानीय
बाईट_03मोहन नेताम,स्थानीय युवा

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
Last Updated : Oct 8, 2019, 12:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.