धमतरी: वैसे तो पूरे देश में 14 और 15 नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा, लेकिन धमतरी के सेमरा गांव में एक सप्ताह पहले यानि रविवार को ही धूमधाम से दीपावली का त्योहार मना लिया गया है. एक सप्ताह पहले त्योहार मनाने की यह परंपरा सदियों पुरानी है, जिसे यहां के ग्रामीण आज भी निभाते आ रहे हैं.
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हर शुभ कार्य के पहले होती है सिरदार देव की पूजा
ग्रामीण बताते हैं, सैकड़ों साल पहले गांव के बाहर एक बुजुर्ग आकर रहने लगे थे, जिनका नाम सिरदार था. उनकी चमत्कारिक शक्तियों और बातों से गांव के लोगों की परेशानियां दूर होती थी. इससे उनके प्रति लोगों की आस्था और विश्वास गहराने लगा. लोगों ने उन्हें पूर्वज मानकर उनकी पूजा शुरू कर दी, तब से गांव में हर शुभ काम से पहले उनकी पूजा की जाती है.
युवा पीढ़ी परंपरा को बढ़ा रहे हैं आगे
भले ही आज के जमाने के लोग इस पर यकीन न करें, लेकिन कहा जाता है कि ऐसा नहीं करने पर उन पर आफत आ सकती है. सदियों से चली आ रही इस परंपरा को युवा वर्ग भी अंधविश्वास की बजाय आस्था से जोड़कर देखते हैं और इन्हें संजोए रखने की बात भी कहते हैं.
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नियम तोड़ने पर गांव में आई थी विपत्ति
वैसे इस मान्यता की शुरुआत कब हुई इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि किसी समय गांव के प्रमुखों ने परंपरा से हटकर नियत तिथि के अनुसार त्योहार मनाया तो कई विपत्तियां आई थी. गांव में आग लगने की घटनाएं और संकट आने लगे थे. इसलिए अब उन्हें नाराज न करने की बात कहते हुए चार त्योहार सप्ताह भर पहले मना लेते हैं. वैसे तिथि से पहले त्योहार मनाए जाने की वजह से ही यह गांव अब काफी मशहूर हो गया है, जिसे देखने दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग आते हैं.