धमतरी: धमतरी का पुलिस थाना अब धीरे-धीरे कबाड़खाने में तब्दील होता जा रहा है. हादसे, चोरी, स्मगलिंग जैसे मामलों में जब्त वाहनों का बरसों से निराकरण नहीं हो सका है.खुले में पड़े-पड़े लाखों की संपत्ति कबाड़ में बदल गई है. धमतरी के पुलिस थानों में अंंदर जाकर देखने पर एक ही सवाल जेहन में उठता है कि ये थाना है या कबाड़ खाना. यहां वो गाड़ियां, जो हादसे या किसी अपराध में उपयोग की गई है. पुलिस ने इन्हें जब्त किया था. इनके मुकदमे अदालतों में चल रहे (Vehicle caught in Dhamtari police station turned into junk) हैं.
मुकदमों पर टिका भविष्य: जब मुकदमें का फैसला होगा. उस दिन इन गाड़ियों के भविष्य का भी फैसला होगा कि इन्हें किसे सुपुर्द करना है. ऐसे कई फैसलों के इंतजार में ये गाड़िया कबाड़ बनती जा रही है. ऐसी स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए. किस कारण से लाखों की संपत्ति कबाड़ में बदल गई.
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जब तक फैसला नहीं होता कुछ नहीं किया जा सकता: वकीलों के मुताबिक ये पुलिस विभाग की लापरवाही है. वकीलों का कहना है कि पुलिस कोर्ट में आवेदन लगा कर ऐसे वाहनों की सुपुर्दगी या डिस्पोजल की अनुमति ले सकती है, जिससे ये समस्या खत्म भले न हो पर आधी जरूर हो जाएगी. पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं. उनका फैसला होने तक कुछ नहीं किया जा सकता.