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राज्य सरकार के फसल परिवर्तन के निर्णय से धमतरी के किसानों में निराशा - फसल परिवर्तन पर किसानों की राय

धमतरी के किसानों ने राज्य सरकार से मिलने वाले इनपुट सब्सिडी को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार प्रलोभन देकर फसल बदलवाना चाहती है. लेकिन वे अपनी जमीन पर पहले की तरह धान की ही खेती करते रहेंगे. किसानों का कहना है कि धमतरी जैसे सिंचित भूमि पर दूसरे फसल की खेती करना ठीक नहीं होगा.

किसान , farmer
धमतरी के किसानों में नहीं है खुशी
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Published : May 22, 2021, 5:14 PM IST

Updated : May 22, 2021, 6:44 PM IST

धमतरीः राज्य सरकार ने प्रदेश में फसल परिवर्तन के इरादे से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. अब धान की जगह दूसरी फसल उगाने वाले किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. 2022 धान सहित सभी खरीफ फसलों में 9 हजार रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी देने की घोषणा की है. दूसरी ओर सरकार ने कोदो का उत्पादन बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है. इस फैसले को लेकर किसानों में निराशा है.

राज्य सरकार के फसल परिवर्तन के निर्णय से धमतरी के किसानों में निराशा

किसानों ने दूसरी फसल उगाने में जताई असमर्थता

किसानों को मिलने वाले इनपुट सब्सिडी को लेकर धमतरी के किसानों से ईटीवी भारत की टीम ने बात की है. किसानों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से वे ज्यादा खुश नहीं हैं. किसान रामगोपाल का कहना है कि कोदो के फसल के लिए जमीन का अभाव है. उन्होंने बताया कि सिंचित और पानी वाली जमीन पर ही इस तरह की फसल उगाई जा सकती है. उनका कहना कि वे फसल बदलने के बजाय धान की ही बुआई करना पसंद करेंगे. वहीं कुछ किसानों से बात की गई उनका भी कहना है कि सरकार भले ही सब्सिडी न दे, लेकिन वे कोदो और अन्य फसलों की खेती करने में असमर्थ हैं. किसानों का मानना है कि फसल परिवर्तन होना चाहिए, लेकिन धमतरी जैसे सिचाई सम्पन्न जिलों में हर तरह की फसल नहीं ली जा सकती.

दंतेवाड़ा के 4,310 किसानों के खाते में डाली गई सब्सिडी की पहली किस्त

'नुकसान से बचने के लिए सरकार दे रही प्रलोभन'

सरकार के इस फैसले को लेकर धमतरी के किसानों का कहना है कि वे इस फसल को नहीं उगा सकते. उनका कहना है कि धान खरीदी में सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है. अब सरकार भविष्य में ऐसे नुकसान से बचने के लिए किसानों को फसल परिवर्तन की तरफ ले जाना चाहती है. जिसको लेकर सरकार किसानों को प्रलोभन दे रही है और इस तरह के फैसले ले रही है.

धमतरीः राज्य सरकार ने प्रदेश में फसल परिवर्तन के इरादे से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. अब धान की जगह दूसरी फसल उगाने वाले किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. 2022 धान सहित सभी खरीफ फसलों में 9 हजार रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी देने की घोषणा की है. दूसरी ओर सरकार ने कोदो का उत्पादन बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है. इस फैसले को लेकर किसानों में निराशा है.

राज्य सरकार के फसल परिवर्तन के निर्णय से धमतरी के किसानों में निराशा

किसानों ने दूसरी फसल उगाने में जताई असमर्थता

किसानों को मिलने वाले इनपुट सब्सिडी को लेकर धमतरी के किसानों से ईटीवी भारत की टीम ने बात की है. किसानों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से वे ज्यादा खुश नहीं हैं. किसान रामगोपाल का कहना है कि कोदो के फसल के लिए जमीन का अभाव है. उन्होंने बताया कि सिंचित और पानी वाली जमीन पर ही इस तरह की फसल उगाई जा सकती है. उनका कहना कि वे फसल बदलने के बजाय धान की ही बुआई करना पसंद करेंगे. वहीं कुछ किसानों से बात की गई उनका भी कहना है कि सरकार भले ही सब्सिडी न दे, लेकिन वे कोदो और अन्य फसलों की खेती करने में असमर्थ हैं. किसानों का मानना है कि फसल परिवर्तन होना चाहिए, लेकिन धमतरी जैसे सिचाई सम्पन्न जिलों में हर तरह की फसल नहीं ली जा सकती.

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'नुकसान से बचने के लिए सरकार दे रही प्रलोभन'

सरकार के इस फैसले को लेकर धमतरी के किसानों का कहना है कि वे इस फसल को नहीं उगा सकते. उनका कहना है कि धान खरीदी में सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है. अब सरकार भविष्य में ऐसे नुकसान से बचने के लिए किसानों को फसल परिवर्तन की तरफ ले जाना चाहती है. जिसको लेकर सरकार किसानों को प्रलोभन दे रही है और इस तरह के फैसले ले रही है.

Last Updated : May 22, 2021, 6:44 PM IST
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