धमतरी: बीते 26 दिसंबर को भाजपा कार्यकर्ता के प्रदर्शन के बाद धमतरी कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने नाराजगी जताई थी. कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के तरीके को कलेक्टर ने इसे गैर जमानती अपराध की श्रेणी बताया है. हालांकि इस पर कार्रवाई जरूर हो सकती थी. लेकिन कलेक्टर ने इसे पहली गलती मान कर एफआईआर नहीं कराई. कलेक्टर का कहना है कि यदि अब कोई भी दल इस प्रकार से गेट के सामने धरना देकर कलेक्टर का रास्ता रोकेगा, तो उसपर एफआईआर होगी.
दरअसल प्रदेश में हो चल रही धान खरीदी और किसानों को हो रही समस्याओं के मुद्दे को लेकर बीजेपी ने बीते शनिवार को कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया था. भाजपा के कार्यकर्ता राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपना चाहते थे. लेकिन उन्हें घंटों कलेक्टर का इंतजार करना पड़ा. जब कलेक्टर वहां पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्ञापन लेने के बजाय उल्टा उन पर बरस पड़े.
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वीडियोग्राफी करने की बात
कलेक्टर ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तीखे में स्वर में कह दिया कि आप कलेक्टर का रास्ता नहीं रोक सकते. कलेक्टर खाली नहीं बैठ रहता है. कलेक्टर के इस शब्द के बाद मामला बिगड़ गया और भाजपा कार्यकर्ता कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसके बाद कलेक्टर वीडियोग्राफी करने की चेतावनी देकर चलते बने. भाजपा कार्यकर्ताओं क कहना है कि कलेक्टर जनता का सेवक होता है. लेकिन उनका इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र पर हमला है. जबकि वे जनता की समस्या को लेकर पहुंचे थे.
कलेक्टर का रास्ता रोकना गैर जमानती अपराध: जेपी मौर्य
कलेक्टर ने पत्रकारों को बताया कि कलेक्टर का रास्ता रोकना गैर जमानती अपराध है. जब वह कैबिन में ज्ञापन लेने के लिए तैयार थे तो फिर उन्हें जाने क्यों नहीं दिया गया. ये लॉ एंड आर्डर की बात है. इस संबंध में एसडीएम और एसपी को भी पत्र लिखा गया है. चूंकि यह गलती पहली बार हुई है इस वजह से एफआईआर नहीं की जा रही है. वरना इसमें एफआईआर भी हो सकती थी. जब बातचीत से हल निकल सकता है तो फिर ऐसे प्रदर्शन करने का कोई औचित्य नहीं है. लोकतंत्र में हर व्यक्ति निश्चित स्थान पर प्रदर्शन कर सकता है, उसमें कोई मनाही नहीं है. लेकिन कलेक्टर के मुख्य गेट में आकर इस तरह से प्रदर्शन करना उचित नहीं है.