धमतरी: ये गांव आज भी उम्मीदों पर जिंदा है. इस गांव में समस्या नहीं समस्याओं का अंबार है. आजादी के बाद कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी ने इस गांव की ओर मुड़कर नहीं देखा. अब प्रदेश में एक बार फिर नई सरकार बनी है. तो यहां के लोगों में आस जगी है कि शायद इनके दिन फिर जाएं.
यहां समस्या नहीं समस्यों का अंबार है
सरकारी महकमे ने फाइलें भरने के लिए कुछ पुल बनवाए, भवन बनवाए, कइयों की नींव रखी गई, लेकिन वो नींव आज तक लोगों को नजर नहीं आई. सरकारी तंत्र की तपिश ने इस गांव की खुशियों को भाप बनाकर उड़ा दिया. हालांकि कलेक्टर साहब का आश्वासन एक बार फिर मिला है.
उम्मीदों पर जिंदा हैं यहां के ग्रामीण
आजादी के 70 साल, नये प्रदेश के 19 साल और पिछली सरकार के 15 साल, अब नई सरकार के 4 महीने, आखिर आमालीपारा गांव के लोगों का इंतजार कब खत्म होगा, कब पुल बनेगा, तो कब स्कूली बच्चे सड़कों पर दौड़ेंगे, कब मरीजों को राहत मिलेगी, कब लोगों को मुकम्मल सुविधा मिलेगी.