ETV Bharat / state

आर्गेनिक रंगों की मांग बढ़ने से महिलाओं को मिल रहा रोजगार - कुरुद

होली में कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों ने आर्गेनिक रंग और गुलाल के प्रति अपनी रुचि दिखाई है. आर्गेनिक रंगों की मांग बढ़ने से महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलने लगे हैं.

आर्गेनिक रंग की बाजार में बढ़ी मांग
आर्गेनिक रंग की बाजार में बढ़ी मांग
author img

By

Published : Mar 9, 2020, 7:39 PM IST

Updated : Mar 9, 2020, 8:39 PM IST

धमतरी/कुरुद: होली पर बाजार लाल-पीला-हरा-नीला के साथ कई रंगों में रंगा दिख रहा है. इन सबके बीच बाजार में इन दिनों आर्गेनिक रंगों की मांग में वृद्धि देखी गई है. ये रंग फूलों से बनाया जाता है. जिसकी मांग इन दिनों लगातार बढ़ती जा रही है.

आर्गेनिक रंग की बाजार में बढ़ी मांग

इन रंगों को बढ़ावा देने का उद्देश्य भी होली में प्राकृतिक रंगों के उपयोग को बढ़ावा देना है. जिले के मगरलोड ब्लॉक की महिलाओं ने मल्टीयूटिलिटी सेंटर में प्रशिक्षण के बाद गेंदा और सेवती के वेस्ट फूलों से रंग का निर्माण किया है. इसे बनाने के लिए वेस्ट फूलों को धूप में अच्छी तरह सूखाया जाता है. इसके बाद बारीक-बारीक पीसकर उसमें अलग-अलग आर्गेनिक रंग मिलाकर खुशबू के लिए इत्र भी मिलाया जाता है

बिहान समूह की महिला ने बताया कि, 'ये रंग अन्य गुलालों के अपेक्षा केमिकल रहित है और बिहान की महिलाओं के लिए रोजगार के साधन भी है. इसके अलावा बाजार में इनकी मांग भी अच्छी है'. साथ ही यह भी बताया कि, 'ये रंग किसी भी तरह से त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. साथ ही यह सस्ता भी है.' बिहान समूह की महिला ने लोगों से अपील करते हुए इन गुलालों को खरीदने की अपील की है ताकि महिलाओं को रोजगार मिले.

धमतरी/कुरुद: होली पर बाजार लाल-पीला-हरा-नीला के साथ कई रंगों में रंगा दिख रहा है. इन सबके बीच बाजार में इन दिनों आर्गेनिक रंगों की मांग में वृद्धि देखी गई है. ये रंग फूलों से बनाया जाता है. जिसकी मांग इन दिनों लगातार बढ़ती जा रही है.

आर्गेनिक रंग की बाजार में बढ़ी मांग

इन रंगों को बढ़ावा देने का उद्देश्य भी होली में प्राकृतिक रंगों के उपयोग को बढ़ावा देना है. जिले के मगरलोड ब्लॉक की महिलाओं ने मल्टीयूटिलिटी सेंटर में प्रशिक्षण के बाद गेंदा और सेवती के वेस्ट फूलों से रंग का निर्माण किया है. इसे बनाने के लिए वेस्ट फूलों को धूप में अच्छी तरह सूखाया जाता है. इसके बाद बारीक-बारीक पीसकर उसमें अलग-अलग आर्गेनिक रंग मिलाकर खुशबू के लिए इत्र भी मिलाया जाता है

बिहान समूह की महिला ने बताया कि, 'ये रंग अन्य गुलालों के अपेक्षा केमिकल रहित है और बिहान की महिलाओं के लिए रोजगार के साधन भी है. इसके अलावा बाजार में इनकी मांग भी अच्छी है'. साथ ही यह भी बताया कि, 'ये रंग किसी भी तरह से त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. साथ ही यह सस्ता भी है.' बिहान समूह की महिला ने लोगों से अपील करते हुए इन गुलालों को खरीदने की अपील की है ताकि महिलाओं को रोजगार मिले.

Last Updated : Mar 9, 2020, 8:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.