धमतरी: मामला धमतरी के सुंदर गंज वार्ड का है. जहां बनी ये सड़क आजकल सियासत का मुद्दा बन गई है. एनएच 30 से लेकर अंदर खुली जगह तक ये सड़क बनाई गई है. जिस जगह तक ये सड़क गई है. वो निजी जमीन है. वहां कोई बसाहट फिलहाल नहीं है. लेकिन इस जगह पर अवैध प्लॉटिंग जरूर चल रही है. न सिर्फ प्लॉटिंग बल्कि मकान भी बन रहे हैं. एक मंदिर भी यहां बनाया जा रहा है. ऐसे में इस सड़क का उपयोग या तो मंदिर तक जाने में होगा या अवैध कॉलोनी के लिए होगा.
ठेकेदार का भुगतान अटका: इस सड़क के निर्माण के लिए भाजपा पार्षद और निगम के नेता प्रतिपक्ष ने ही प्रस्ताव लाया था. जिसे एमआईसी में भी मंजूरी मिली. सड़क का टेंडर निकाला गया. ठेकेदार ने सड़क बना दी. लेकिन निगम को इसके बाद पता चला कि ये सड़क निजी जमीन पर बनी है. इस सड़क से अवैध कॉलोनाइजर को फायदा पहुंच रहा है. तब काम होने के बाद कार्यादेश निरस्त कर दिया गया. अब ठेकेदार का भुगतान अटक गया है. जिसकी वजह से नगर निगम सवालों के घेरे में है.
हमाने कोई निर्माण नहीं कराया: धमतरी नगर निगम कमिश्नर विनय पोयाम ने बताया कि "यह साल 2020 21 का काम है. निगम ने सड़क निर्माण का कार्यादेश जारी किया था. लेकिन जांच में जब जमीन का हिस्सा अवैध प्लॉटिंग का हिस्सा पाया गया. जिसके बाद कार्यादेश को निरस्त कर दिया गया. सड़क निजी जमीन पर बनने वाला था. तो इस स्थिति में पूर्व निगम आयुक्त ने कार्य को निरस्त कर दिया. तो उसके बाद हमारे द्वारा वहां कोई सड़क निर्माण के आदेश नहीं दिया गया है."
निगम ने भी स्वीकार किया: विधायक धमतरी रंजना साहू ने बताया कि "शासन ने माना है कि अवैध प्लॉटिंग में रोड बना था. जिसे तोड़ने के पश्चात निगम ने स्वयं बनाया भी है. इसे मंत्री ने स्वीकार किया और निगम ने भी स्वीकार किया है."
विधानसभा में भी उठ चुका है मामला: मुद्दे को धमतरी की भाजपा विधायक विधानसभा में भी उठा चुकी हैं. जिस पर विधायक और नगरीय निकाय मंत्री के बीच बहस भी हुई. धमतरी के कमिश्नर साफ कह रहे हैं कि वो सड़क निगम ने नहीं बनाई. जबकि विधायक लगातार सवाल उठा कर निगम को घेर रही हैं.