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शो-पीस बना है निगम का कॉम्प्लेक्स, अधिकारी हैं उदासीन - इतवारी बाजार

धमतरी नगर निगम का बनाया हुआ कॉम्प्लेक्स आज सालों से बिना उपयोग के पड़ा हुआ है. इससे स्थानीय लोगों में निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी है.

Corporation's complex is lying idle
बेकार पड़ा है निगम का कॉम्प्लेक्स
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Published : Feb 17, 2020, 3:50 PM IST

धमतरी: नगर निगम का बनाया हुआ कॉम्प्लेक्स आज सालों से बिना उपयोग के पड़ा हुआ है. शहर के इतवारी बाजार में निगम ने पांच साल पहले ये व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनवाया था, जिसकी लागत 98 लाख 31 हजार 900 थी. लगभग एक करोड़ रुपये में बने भवन का उद्देश्य नीलामी और किराए से राजस्व पाना था. साथ ही बेरोजगारों को रोजगार देना था, लेकिन लापरवाही और निगम के पदाधिकारियों की आपसी अनबन के चलते आज तक इस कॉम्प्लेक्स के 41 दुकानों की न तो नीलामी हो पाई है और न ही इसका कोई उपयोग हो रहा है. उल्टे ये जगह शराबखोरों और जुआरियों का अड्डा बन चुका है.

बेकार पड़ा है निगम का कॉम्प्लेक्स
दरअसल, इतवारी बाजार के पहले तल पर नगर निगम की ओर से निर्मित 41 दुकान बेकार पड़ी हुई है. कुछ दुकानें बिक्री के बाद भी बंद हैं. इस वजह निगम को राजस्व नहीं मिल रहा है जबकि निगम ने लाखों रुपए खर्च कर इसका निर्माण कराया था. कुछ लोगों ने दुकान तो खरीदी, लेकिन अव्यवस्था और ग्राहक के अभाव में दुकान खोल नहीं पाए. यहां निर्मित अधिकांश दुकानें बंद है. सभी दुकानों के शटर भी खुले हुए हैं. इसके अलावा चारों ओर गंदगी का आलम है. दुकानों को शुरू कराने निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

सालों से बेकार पड़ा है निगम का कॉम्प्लेक्स
बता दें कि इतवारी बाजार को शहर का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. यहां रविवार को साप्ताहिक बाजार लगती है. जहां शहर और आस-पास से लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने पहुंचते हैं. यहां निगम ने लाखों रुपए खर्च कर बिल्डिंग बनाई है. ग्राउंड फ्लोर में चिल्हर सब्जी व्यवसायी अपनी दुकान लगाते हैं, जिससे निगम को राजस्व मिलती है.

लोगों में निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी
मामले में स्थानीय लोगों में निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी है. वहीं धमतरी के नये महापौर ने जल्द ही इस दिशा में कारगर कदम उठाने की बात कही है.

धमतरी: नगर निगम का बनाया हुआ कॉम्प्लेक्स आज सालों से बिना उपयोग के पड़ा हुआ है. शहर के इतवारी बाजार में निगम ने पांच साल पहले ये व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनवाया था, जिसकी लागत 98 लाख 31 हजार 900 थी. लगभग एक करोड़ रुपये में बने भवन का उद्देश्य नीलामी और किराए से राजस्व पाना था. साथ ही बेरोजगारों को रोजगार देना था, लेकिन लापरवाही और निगम के पदाधिकारियों की आपसी अनबन के चलते आज तक इस कॉम्प्लेक्स के 41 दुकानों की न तो नीलामी हो पाई है और न ही इसका कोई उपयोग हो रहा है. उल्टे ये जगह शराबखोरों और जुआरियों का अड्डा बन चुका है.

बेकार पड़ा है निगम का कॉम्प्लेक्स
दरअसल, इतवारी बाजार के पहले तल पर नगर निगम की ओर से निर्मित 41 दुकान बेकार पड़ी हुई है. कुछ दुकानें बिक्री के बाद भी बंद हैं. इस वजह निगम को राजस्व नहीं मिल रहा है जबकि निगम ने लाखों रुपए खर्च कर इसका निर्माण कराया था. कुछ लोगों ने दुकान तो खरीदी, लेकिन अव्यवस्था और ग्राहक के अभाव में दुकान खोल नहीं पाए. यहां निर्मित अधिकांश दुकानें बंद है. सभी दुकानों के शटर भी खुले हुए हैं. इसके अलावा चारों ओर गंदगी का आलम है. दुकानों को शुरू कराने निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

सालों से बेकार पड़ा है निगम का कॉम्प्लेक्स
बता दें कि इतवारी बाजार को शहर का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. यहां रविवार को साप्ताहिक बाजार लगती है. जहां शहर और आस-पास से लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने पहुंचते हैं. यहां निगम ने लाखों रुपए खर्च कर बिल्डिंग बनाई है. ग्राउंड फ्लोर में चिल्हर सब्जी व्यवसायी अपनी दुकान लगाते हैं, जिससे निगम को राजस्व मिलती है.

लोगों में निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी
मामले में स्थानीय लोगों में निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी है. वहीं धमतरी के नये महापौर ने जल्द ही इस दिशा में कारगर कदम उठाने की बात कही है.

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