धमतरी: 17 अक्टूबर से दुर्गा नवरात्र उत्सव शुरू हो रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. धमतरी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम को ध्यान में रखते हुए नवरात्र पर्व को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
इसके तहत मूर्ति की ऊंचाई और चैड़ाई 6 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 फिट से अधिक नहीं होगा. इसी तरह पंडाल के सामने कम से कम तीन हजार वर्गफीट खुली जगह हो और पंडाल के सामने तीन हजार वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क और गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए. एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी ढाई सौ मीटर से कम नहीं होनी चाहिए. पंडाल में बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाए जाएंगे. एक समय में मंडप के सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से ज्यादा उपस्थित नहीं हो सकेंगे.
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मूर्ति स्थापित करने वालों के लिए निर्देश
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति और समिति को रजिस्टर बनाना होगा. जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा. चार सीसीटीवी कैमरा लगाने होंगे, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके. मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जा सकेगा. ऐसा पाए जाने पर व्यक्ति और समिति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति और समिति सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सिमीटर, हैंडवाॅश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करेगी. इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने पर कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी. व्यक्ति, समिति फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन और प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस-बल्ली से बेरिकेडिंग के जरिए कराने के निर्देश हैं.
समिति की होगी जिम्मेदारी
कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति और समिति को करना होगा. कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी. यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है. तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी. मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी. किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत अथवा कोई भी खाद्य, पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी.
विसर्जन के निर्देश
मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा वाहन की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा. मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति विसर्जन के लिए चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे और मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे. अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी. विजर्सन के लिए नगरीय निकाय/पंचायत के निर्धारित मार्ग तिथि और समय का पालन करना होगा. शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी. सामान्य रूप से सभी वाहन मेन रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे. विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी. सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन की किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
गाइडलाइन के तहत मूर्ति स्थापित करने के निर्देश
घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है. तो कम से कम सात दिन पूर्व नगरीय निकाय और पंचायत के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र और आवेदन पत्र देना होगा. अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित कर सकेंगे. इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के तहत जारी SOP का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा. साफ तौर पर कहा गया है कि निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट और विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.