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विदेश से मिले शब्दों को आरु साहू ने दी आवाज, सोशल मीडिया पर छाया गीत

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Published : Sep 13, 2020, 11:03 PM IST

छत्तीसगढ़ की मशहूर बाल कलाकार आरू साहू ने विदेश में रहने वाली छत्तीसगढ़ की विभा साहू के शब्दों को आवाज दी है. सोशल मीडिया में एल्बम को पसंद किया जा रहा है.

Aaru Sahu and Vibha Sahu
आरू साहू और विभा साहू

धमतरी: डोंगरडुला नगर की रहने वाली आरू साहू ने छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है. आरू साहू छत्तीसगढ़ की मशहूर बाल कलाकारों में से एक हैं. आरू साहू के गाने का एक एल्बम 14 सितंबर को जारी होने जा रही है. सोशल मीडिया में एल्बम को पसंद किया जा रहा है. तेजी से वायरल हो रहा है. इस बार आरू ने विदेश में रहने वाली छत्तीसगढ़ की विभा साहू के शब्दों को आवाज दी है.

आरू साहू ने लोगों से की अपील

पढ़ें: SPECIAL: कम उम्र में लड़कियों की शादी से शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर पर पड़ता है बुरा प्रभाव

सात समंदर पार रहकर भी अपनी मातृभूमि से प्यार को जब कोई शब्दों मे पिरोये और छत्तीसगढी मधुर आवाज इन शब्दों को सुरों में ढाल दे तो फिर क्या बात है. ऐसा ही वाक्या सोशल मीडिया में विमोचित हुए छइयां भुइयां एलबम की है. छत्तीसगढ़ की लाडली बेटी आरु साहू की खनकती आवाज को सात समंदर पार रहने वाली विभा साहू के शब्दों की ऐसी संगत मिली कि सुरों और संगीत की एक नई महफिल सज उठी है.

पढ़ें: SPECIAL: लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 हो या 21? जानिए छत्तीसगढ़ की बेटियों और समाज के लोगों की राय

सोशल मीडिया में विभाश्री, आत्मा सिंह, छत्तीसगढ़ के गीतकार मीर अली मीर, छत्तीसगढ़ क्रन्तिकारी अमित बघेल और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की उपस्थिति में विमोचित होते ही आरु साहू की खनक भरी आवाज और सात समंदर पार न्यूयार्क से आई शब्दों की वो मिठास जिसे एक बार सुनने से जी नही भरता. नन्ही आरु की आवाज ने इन गीतों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है. वहीं विभा साहू ने अपने शब्दों की पकड़ को छत्तीसगढ़ की माटी की सौंधी महक को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.

धमतरी: डोंगरडुला नगर की रहने वाली आरू साहू ने छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है. आरू साहू छत्तीसगढ़ की मशहूर बाल कलाकारों में से एक हैं. आरू साहू के गाने का एक एल्बम 14 सितंबर को जारी होने जा रही है. सोशल मीडिया में एल्बम को पसंद किया जा रहा है. तेजी से वायरल हो रहा है. इस बार आरू ने विदेश में रहने वाली छत्तीसगढ़ की विभा साहू के शब्दों को आवाज दी है.

आरू साहू ने लोगों से की अपील

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सात समंदर पार रहकर भी अपनी मातृभूमि से प्यार को जब कोई शब्दों मे पिरोये और छत्तीसगढी मधुर आवाज इन शब्दों को सुरों में ढाल दे तो फिर क्या बात है. ऐसा ही वाक्या सोशल मीडिया में विमोचित हुए छइयां भुइयां एलबम की है. छत्तीसगढ़ की लाडली बेटी आरु साहू की खनकती आवाज को सात समंदर पार रहने वाली विभा साहू के शब्दों की ऐसी संगत मिली कि सुरों और संगीत की एक नई महफिल सज उठी है.

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सोशल मीडिया में विभाश्री, आत्मा सिंह, छत्तीसगढ़ के गीतकार मीर अली मीर, छत्तीसगढ़ क्रन्तिकारी अमित बघेल और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की उपस्थिति में विमोचित होते ही आरु साहू की खनक भरी आवाज और सात समंदर पार न्यूयार्क से आई शब्दों की वो मिठास जिसे एक बार सुनने से जी नही भरता. नन्ही आरु की आवाज ने इन गीतों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है. वहीं विभा साहू ने अपने शब्दों की पकड़ को छत्तीसगढ़ की माटी की सौंधी महक को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.

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