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दो फीट लंबे निरंजन बैंगन की खेती ने किसान लीलाराम को दिलाई पहचान, जानिए इस बैंगन की खासियत - लीलाराम साहू निरंजन बैंगन

धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड के ग्राम धूमा के नवाचारी किसान लीलाराम साहू (Innovative farmer Leelaram Sahu) को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने के बाद अब राज्य स्तर पर कृषक पुरस्कार मिलेगा ( Chhattisgarh government will give farmer award ). निरंजन बैंगन अब तक का सर्वाधिक लम्बा बैंगन माना गया है. जो दो फीट तक बढ़ता है और इसमें बीज की मात्रा काफी कम होती है और पल्प अधिक होता है, जिसके कारण ये खाने में भी काफी स्वादिष्ट होता है.

Chhattisgarh government will give farmer award to Leelaram farmer
निरंजन बैंगन ने लीलाराम को दिलाई पहचान
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Published : Dec 6, 2021, 3:53 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 7:02 PM IST

धमतरीः छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव के रहने वाले किसान लीलाराम ने अपने बाड़ी में नई किस्म की सब्जियों का उत्पादन कर न केवल राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उनके इस प्रयास को सराहा है. उनकी इसी मेहनत और लगन के कारण किसान लीलाराम को राज्य सरकार भी 6 दिसम्बर को कृषक सम्मान से सम्मानित करने जा रही( Chhattisgarh government will give farmer award ) है.

बैंगन की खेती ने किसान लीलाराम को दिलाई पहचान

सबसे स्वादिष्ट होता है निरंजन बैंगन

दरअसल, धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड के ग्राम धूमा के नवाचारी किसान लीलाराम साहू (Innovative farmer Leelaram Sahu) उत्कृष्ट सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में कई नवाचार किए है, जिनमें से एक निरंजन बैंगन है. देश में उत्पादित बैंगन की विभिन्न प्रजातियों में से निरंजन अब तक का सर्वाधिक लम्बा बैंगन माना गया है जो अधिकतम दो फीट तक बढ़ता है और इसमें बीज की मात्रा कम और पल्प अधिक होता है जिसके कारण यह बेहद स्वादिष्ट होता है. इतना ही नहीं इस बैंगन की मांग भी लोगों में काफी अधिक है.

कई राज्यों में हो रही स्वादिष्ट बैंगन की खेती

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सब्जी उत्पादक कृषक लीलाराम साहू बताते है कि इस बैंगन को तैयार करने के लिए देशी तरीके से नवाचार कर अंकुरण किया जाता है. बाद में इससे नवाचारी गुण से परिपूर्ण बैंगन की नई किस्म विकसित होती है. जिसका नाम उन्होने निरंजन यानि कि अपने पिताजी के नाम पर नामकरण किया है. वही नवाचारी बैंगन के बारे में जानकारी होने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों ने भी इसे उत्पादन करना शुरू किया. नतीजन आज निरंजन बैंगन की खेती छत्तीसगढ़ के अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र सहित केरल राज्य में भी की जा रही है.

कवर्धा में हिन्दू शौर्य जागरण संकल्प कार्यक्रम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ी निगरानी

राष्ट्रीय स्तर पर किया जा चुका है सम्मानित

लीलाराम साहू को उनके ‘निरंजन‘ बैंगन के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है.वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हे राज्य एनआईएफ से सम्मानित किया था. साथ ही राष्ट्रीय नवप्रवर्तक संस्थान अहमदाबाद के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन के बाद बैंगन की इस प्रजाति के लिए साल-2017 में पेटेंट भी किया जा चुका है.लीलाराम द्वारा विकसित नई किस्म का निरंजन बैंगन के लिए उन्हें 6 दिसम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से रायपुर के एक निजी होटल में नवाजा जाएगा.

कई किस्म की खेती पर कर रहे रिसर्च

बहरहाल कभी खेतों में टेक्ट्रर चलाकर अजीविका चलाने वाले इनोवेटर किसान लीलाराम अब देशी बैगन के अलावा अलग-अलग किस्मों की खेती कर इन पर रिसर्च भी कर रहा हैं, ताकि पुरानी किस्म को वह उन्नत बना सके.

धमतरीः छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव के रहने वाले किसान लीलाराम ने अपने बाड़ी में नई किस्म की सब्जियों का उत्पादन कर न केवल राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उनके इस प्रयास को सराहा है. उनकी इसी मेहनत और लगन के कारण किसान लीलाराम को राज्य सरकार भी 6 दिसम्बर को कृषक सम्मान से सम्मानित करने जा रही( Chhattisgarh government will give farmer award ) है.

बैंगन की खेती ने किसान लीलाराम को दिलाई पहचान

सबसे स्वादिष्ट होता है निरंजन बैंगन

दरअसल, धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड के ग्राम धूमा के नवाचारी किसान लीलाराम साहू (Innovative farmer Leelaram Sahu) उत्कृष्ट सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में कई नवाचार किए है, जिनमें से एक निरंजन बैंगन है. देश में उत्पादित बैंगन की विभिन्न प्रजातियों में से निरंजन अब तक का सर्वाधिक लम्बा बैंगन माना गया है जो अधिकतम दो फीट तक बढ़ता है और इसमें बीज की मात्रा कम और पल्प अधिक होता है जिसके कारण यह बेहद स्वादिष्ट होता है. इतना ही नहीं इस बैंगन की मांग भी लोगों में काफी अधिक है.

कई राज्यों में हो रही स्वादिष्ट बैंगन की खेती

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सब्जी उत्पादक कृषक लीलाराम साहू बताते है कि इस बैंगन को तैयार करने के लिए देशी तरीके से नवाचार कर अंकुरण किया जाता है. बाद में इससे नवाचारी गुण से परिपूर्ण बैंगन की नई किस्म विकसित होती है. जिसका नाम उन्होने निरंजन यानि कि अपने पिताजी के नाम पर नामकरण किया है. वही नवाचारी बैंगन के बारे में जानकारी होने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों ने भी इसे उत्पादन करना शुरू किया. नतीजन आज निरंजन बैंगन की खेती छत्तीसगढ़ के अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र सहित केरल राज्य में भी की जा रही है.

कवर्धा में हिन्दू शौर्य जागरण संकल्प कार्यक्रम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ी निगरानी

राष्ट्रीय स्तर पर किया जा चुका है सम्मानित

लीलाराम साहू को उनके ‘निरंजन‘ बैंगन के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है.वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हे राज्य एनआईएफ से सम्मानित किया था. साथ ही राष्ट्रीय नवप्रवर्तक संस्थान अहमदाबाद के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन के बाद बैंगन की इस प्रजाति के लिए साल-2017 में पेटेंट भी किया जा चुका है.लीलाराम द्वारा विकसित नई किस्म का निरंजन बैंगन के लिए उन्हें 6 दिसम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से रायपुर के एक निजी होटल में नवाजा जाएगा.

कई किस्म की खेती पर कर रहे रिसर्च

बहरहाल कभी खेतों में टेक्ट्रर चलाकर अजीविका चलाने वाले इनोवेटर किसान लीलाराम अब देशी बैगन के अलावा अलग-अलग किस्मों की खेती कर इन पर रिसर्च भी कर रहा हैं, ताकि पुरानी किस्म को वह उन्नत बना सके.

Last Updated : Dec 6, 2021, 7:02 PM IST
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