धमतरी: सरकारी स्कूल का नाम आते ही मन मे एक तस्वीर नजर आती है टूटी-फूटी छप्पर, जर्जर बिल्डिंग और दीवारों का मटमैला रंग. अधिकतर स्कूलों की हालत कुछ ऐसी ही नजर आती है. परिजन अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं कराते हैं, लेकिन धमतरी के शासकीय कन्या शाला की तस्वीर बदली हैं, इस पहल को खासा सराहा जा रहा है.
बच्चों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने के लिए नए फार्मूले अपनाए जा रहे है. धमतरी के शासकीय कन्या स्कूल की दीवारों पर रंग बिरंगी और ज्ञानवर्धक पेंटिग बनाई जा रही हैं. इसके साथ ही जीवन में अनुशरण करने योग्य नारों को दीवारों में लिखा गया है. जो देखते ही बन रहा है.चित्रकारी की वजह से पूरे स्कूल के माहौल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है.
दीवारों पर उकेरी गई चित्रकारी
स्कूल की बाहरी दीवार पर कई तरह की चित्रकारी जैसे नर्स, शिक्षक और किताब पढ़ते हुए बच्चों के आकर्षक चित्र बनाए गए हैं. स्कूल की दीवारों में की गई चित्रकारी चर्चा का विषय बनी हुई है.
छात्रों में उत्साह का माहौल
यहां पढ़ाई करने वाले वाले छात्रों में उत्साह का माहौल है. छात्रों का कहना है कि स्कूल की दीवारों मे चित्रकारी होने से वे सकारात्मक महसूस कर रहे हैं. प्रेरणादायी तस्वीरों और ज्ञानवर्धक स्लोग्नों से उन्हें बहुत कुछ सीखने और समझने को भी मिल रहा है.
दशा बदलने रचनात्मकता जरूरी
स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि बच्चों को स्कूल के प्रति आकर्षित करने के लिए इस तरह की कलाकारी दीवारों पर की गई है. मौजूदा दौर में सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा बदलने के लिए रचनात्मकता जरूरी हैं.