धमतरी : गंगरेल वन क्षेत्र से घिरा हुआ है. यहां का मनोरम दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. पर्यटक यहां वहां कचरा फेंकते हैं, जिससे यहां गंदगी फैलने लगी है. प्लास्टिक ग्लास, पॉलीथिन समेत कई तरह की गंदगी यहां की सबसे बड़ी समस्या बन रही है. इस गंदगी से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए गंगरेल को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया गया. पर्यटन क्षेत्र में फैली पॉलीथिन गंदगी को साफ किया गया.
गंदगी फैलाने पर होगी सख्त कार्रवाई: पर्यटकों की फैलाई गई डिस्पोजल ग्लास, पॉलीथिन और कचरे की सफाई की गई. वन विभाग, जल संसाधन विभाग, मां अंगारमोती ट्रस्ट और वन प्रबंधन समिति ने यह अभियान चलाया. डीएफओ ने गंगरेल में पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
गंगरेल में अब पॉलिथिन के खिलाफ अभियान : दरअसल धमतरी का गंगरेल पर्यटन स्थल जल्द ही पॉलीथिन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित होगा. इसके बाद यहां कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना भी वसूला जाएगा. धमतरी के वन विभाग के साथ जल संसाधन विभाग, वन प्रबंधन समिति, अंगार मोती मंदिर ट्रस्ट और ग्रामीणों ने मिल कर ये अभियान शुरू किया है. गुरुवार की सुबह इसकी शुरुआत हुई. विभागों के अफसरों ने खुद पूरे इलाके से पॉलीथिन उठाया.
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पॉलीथिन मुक्त बनाने का संकल्प : गंगरेल घूमने आने वाले सैलानी भारी मात्रा में कचरा छोड़ जाते हैं, जिसमें पॉलीथिन भी रहता है. इसके कारण गंगरेल इलाके में पर्यावरण संतुलन बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया है. इसे गंभीरता से लेते हुए ये अभियान शुरू किया गया है. अब यह अभियान लगातार जारी रहेगा. डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि '' गंगरेल क्षेत्र के आसपास पर्यावरण को बचाने के लिए सफाई अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा. इसके साथ ही जो भी पॉलीथिन का उपयोग करता है, उसपर कार्रवाई की जाएगी. गंगरेल को पॉलीथिन मुक्त बनाया जाएगा.''