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पंचायत चुनाव में बैलेट से वोटिंग के कारण रिजेक्ट हुए 9 फीसदी वोट, सरकार पर बड़ा आरोप

धमतरी जिले में बैलेट वोटिंग के कारण कुल मतदान का लगभग 9 फीसदी वोट रिजेक्ट हो गया. इस पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

BJP rejects 9 percent vote in ballot process BJP accuses Bhupesh government
बैलेट प्रक्रिया में 9 फीसदी वोट रिजेक्ट
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Published : Feb 20, 2020, 1:47 PM IST

धमतरी: छत्तीसगढ़ में 15 सालों बाद बैलेट पेपर के जरिए पंचायत के चुनाव हुए हैं, चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेशभर में बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन बैलेट वोटिंग का दूसरा पहलू भी अब सामने आ रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां कुल मतदान के लगभग 9 फीसदी वोट रिजेक्ट हो गए हैं.

बैलेट प्रक्रिया में 9 फीसदी वोट रिजेक्ट

जिले में कुल 4 लाख 94 हजार 880 मतदाता हैं और यहां औसतन 70 फीसदी वोटिंग हुई. इसके लिहाज से 3 लाख 46 हजार 416 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. लेकिन इनमें से करीब 28 हजार वोट रिजेक्ट किए गए, जो कि कुल मतदान का करीब 9 फीसदी होता है. इसकी वजह गलत जगह मुहर लगना, सही ढंग से बैलेट फोल्ट नहीं होना या मुहर की स्याही कागज के दूसरी तरफ लग जाना रहा. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में हर एक मतदाता ने चार वोट डाले. बीते 15 साल में लोगों को ईवीएम से वोट की आदत पड़ चुकी थी. वहीं लाखों की संख्या में नये मतदाता भी जुड़े. जिन्हे कभी भी बैलेट वोटिंग का अनुभव नहीं था और न कोई जानकारी थी. जब चुनावों के परिणाम आए तो ज्यादातर सीटों पर फैसला वोटों के मामूली अंतर से तय हुआ.

भाजपा ने लगाया भूपेश सरकार पर आरोप

भाजपा बैलेट वोटिंग का शुरू से विरोध करती रही है. अब जहां इतने बड़े पैमाने पर रिजेक्टेड वोटों के आंकड़े सामने आए हैं, जिसको देखते हुए भाजपा फिर से राज्य की कांग्रेस सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है. वहीं कांग्रेस अभी भी बैलेट वोटिंग को ही सही बताने में लगी है.

धमतरी: छत्तीसगढ़ में 15 सालों बाद बैलेट पेपर के जरिए पंचायत के चुनाव हुए हैं, चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेशभर में बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन बैलेट वोटिंग का दूसरा पहलू भी अब सामने आ रहा है. धमतरी जिले की बात करें तो यहां कुल मतदान के लगभग 9 फीसदी वोट रिजेक्ट हो गए हैं.

बैलेट प्रक्रिया में 9 फीसदी वोट रिजेक्ट

जिले में कुल 4 लाख 94 हजार 880 मतदाता हैं और यहां औसतन 70 फीसदी वोटिंग हुई. इसके लिहाज से 3 लाख 46 हजार 416 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. लेकिन इनमें से करीब 28 हजार वोट रिजेक्ट किए गए, जो कि कुल मतदान का करीब 9 फीसदी होता है. इसकी वजह गलत जगह मुहर लगना, सही ढंग से बैलेट फोल्ट नहीं होना या मुहर की स्याही कागज के दूसरी तरफ लग जाना रहा. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में हर एक मतदाता ने चार वोट डाले. बीते 15 साल में लोगों को ईवीएम से वोट की आदत पड़ चुकी थी. वहीं लाखों की संख्या में नये मतदाता भी जुड़े. जिन्हे कभी भी बैलेट वोटिंग का अनुभव नहीं था और न कोई जानकारी थी. जब चुनावों के परिणाम आए तो ज्यादातर सीटों पर फैसला वोटों के मामूली अंतर से तय हुआ.

भाजपा ने लगाया भूपेश सरकार पर आरोप

भाजपा बैलेट वोटिंग का शुरू से विरोध करती रही है. अब जहां इतने बड़े पैमाने पर रिजेक्टेड वोटों के आंकड़े सामने आए हैं, जिसको देखते हुए भाजपा फिर से राज्य की कांग्रेस सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है. वहीं कांग्रेस अभी भी बैलेट वोटिंग को ही सही बताने में लगी है.

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