धमतरी: कुरुद में नगर पंचायत परिषद के खिलाफ BJP पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने व्यापारियों और आम लोगों के साथ मिलकर विभिन्न मांगों को लेकर एक दिन का धरना प्रदर्शन किया है. लोगों का कहना है कि पंचायत परिषद गठन के 6 महीनों के दौरान नगर की समस्या पर ध्यान नहीं दिया है. साथ ही कई जनहित के विरुद्ध कार्य किए गए हैं. BJP ने आरोप लगाए हैं कि कई सालों से चल रही मंगलवार बाजार को प्रभावित किया गया है. नगर के विभिन्न कार्यक्रमों में विधायक की अनदेखी की गई है. इसके अलावा लोगों ने 12 बिंदुओं पर अपनी मांग रखी है.
बाजार को लेकर आक्रोश
बता दें, क्षेत्र में कुरुद नगर का मंगलवार बाजार में लोग खरीदी करने आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाजारों को भी बंद किया जा रहा है, ताकि भीड़ इक्कठा न हो सके. वहीं व्यापारियों का कहना है कि बाजार को बंद करने के निर्णय से आय पर प्रभाव पड़ा है. बाजार में लोग नहीं आ रहे हैं. ऐसे में व्यापारियों में इसे लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है.
वर्तमान में बीजेपी और कांग्रेस यहां आमने-सामने हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. बीजेपी नेता और वर्तमान पार्षद भानु चंद्राकर ने कांग्रेस सरकार पर शराब नहीं बंद करने के आरोप लगाए हैं. साथ ही क्षेत्र के विधायक की अनदेखी करने के भी आरोप लगाए हैं. नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने बीजेपी को इस प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया है.
इन मांगों की ओर खींचा ध्यान
- कुरुद के बहू प्रतिष्ठित मंगल बाजार के व्यापार को बंद कर दिया गया है, इसे तत्काल चालू किया जाए.
- नगर के देशी अंग्रेजी शराब दुकान को राज्य सरकार के जन घोषणा पत्र में किए गए वादों के अनुसार हमेशा के लिए बंद किया जाए.
- शासन के नियमानुसार गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस सहित नगर पंचायत के लोकार्पण शिलान्यास कार्यक्रमों में विधायक को अतिथि बनाया जाए.
- नए बाजार में वर्षों से बने फुटकर व्यापारियों के लिए चौपाटी को जल्द से जल्द चालू कराया जाए.
- नगर हित में सभी वार्ड पार्षद के किए गए आवेदन पर ध्यान नहीं दिया जाता है. ऐसे कार्यों में प्रशासकीय बाधाओं को ठीक किया जाए.
- पार्षदों के दिए गए आवेदनों पर ध्यान दिया जाए.
- ऑटो यूनियन के सदस्यों को पुराना बाजार और नए बस स्टैंड में खड़े करने के लिए व्यवस्थित जगह दिया जाए.
- नगर के सभी चौक चौराहों के सामने अतिक्रमण है, उसे व्यवस्थित किया जाए.
- पुरानी बस्तियों में तालाब किनारे बसे नागरिकों को जमीन का पट्टा दिया जाए.
- कुरुद के किसानों से सिंचाई शुल्क सहित 13% ब्याज लिया जा रहा है, इसे तत्काल रोका जाए.
- राज्य सरकार के प्रतिष्ठित योजना किसान से जुड़े कुरुद के गठन में मवेशियों के लिए गौठान की व्यवस्था की जाए.