धमतरी: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन ने कामगारों की कमर तोड़ दी है. उनकी आर्थिक चरमरा गई है. ऐसे में मनरेगा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे मजदूरों को राहत प्रदान की है. मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार मिलने लगा है. जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत करीब 23 हजार 6 सौ 51 श्रमिकों को काम मिला है. मनरेगा के तहत 901 कार्यों के लिए 35 करोड़ 35 लाख 23 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं.
इन कामों के लिए मिली स्वीकृति
ग्रामीण श्रमिकों के मांग पर डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, कच्ची नाली निर्माण, भूमि सुधार कार्य, मिट्टी सड़क निर्माण कार्य मंजूर किए गए हैं. वहीं नरूवा, पाथ उपचार कार्य, सामुदायिक डबरी निर्माण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य सहित अन्य कार्य शुरू होने से ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है.
छत्तीसगढ़ में मनरेगा बना 'संजीवनी'
मजदूर परिवारों की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार
कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन की स्थिति से निपटने पंचायतों में मनरेगा कार्य शुरू होने से मजदूर परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है. 1 अप्रैल से सभी श्रमिक परिवारों को कार्य के आधार पर 193 रुपए हर दिन के हिसाब से उनके खाते में मजदूरी भुगतान हो रहा है. बहरहाल इन कामों के दौरान पंचायत स्तर पर कोविड-19 की रोकथाम के लिए श्रमिकों को सामाजिक दूरी, मास्क और सोशल डिंस्टेंस सहित सैनिटाइजर इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है.
मनरेगा में अव्वल: सबसे ज्यादा रोजगार और काम कराने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़
सबसे ज्यादा नगरी ब्लॉक में 8 हजार 800 मजदूरों को मिला काम
जिले के धमतरी ब्लॉक में 94 ग्राम पंचायत में 65 कार्यों की स्वीकृति मिली है. इसमें 4,684 मजदूर काम कर रहे हैं. वहीं कुरूद ब्लॉक के 108 ग्राम पंचायत में 62 कार्यों में 6,583 श्रमिक, मगरलोड ब्लॉक के 66 ग्राम पंचायत में 39 कार्यों में 3,548 मजदूर लाभ ले रहे हैं. वहीं नगरी ब्लॉक के 102 ग्राम पंचायतों में 72 कार्यों में 8,836 श्रमिकों का लाभ मिल रहा है. इन कार्यों से मनरेगा श्रमिकों ने तकरीबन 6 लाख 56 हजार दिन का काम किया. जो कि अप्रैल माह में लक्ष्य के आधार पर शत प्रतिशत है.