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हर रोज भूखों को खाना खिलाने डब्बा लेकर निकल पड़ते हैं धमतरी के भोजराज

धमतरी में लॉकडाउन के दौरान बेघर- बेसहारा लोग भूखे रहने को मजबूर हैं. ऐसे लोगों को खाना खिलाने के लिए हर दिन डब्बा लेकर जिले के भोजराज निकल पड़ते हैं.

Bhojraj provides food to the hungry and destitute people in Dhamtari
महिला को खाना खिलाते भोजराज
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Published : May 7, 2021, 4:49 PM IST

धमतरी : जिले में लॉकडाउन के बीच बेघर विक्षिप्तों को खाने-पीने की परेशानियों होने लगी थी. इन बेसहारा लोगों की पीड़ा को समझते हुए जिले के भोजराज मंधान ने उन्हें खाना खिलाने का बीड़ा उठा लिया. भोजराज न कोई जनप्रतिनिधि है और न ही समाजसेवी. उनका कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान उनसे इन लोगों की तकलीफ देखी नहीं गई, इसलिए तब से जो भी घर पर बनता है वे टिफिन में पैक कर लोगों को खाना खिलाने निकल पड़ते हैं. संकट के इस समय जहां जनप्रतिनिधि वाहवाही लूटने के लिए तैयार हैं वहां एक आम आदमी लोगों को खाना खिलाने निकल पड़े हैं.

धमतरी के भोजराज

धमतरी में कांग्रेस कमेटी और सिंधी समाज कोरोना मरीजों तक पहुंचा रहा मुफ्त भोजन

सहारा बने भोजराज

अक्सर सड़कों के किनारे बेसहारा लोग बैठे दिख जाते हैं. इनमें से कुछ ने दिमागी संतुलन खो दिया है तो किसी को अपनों ने घर से बेदखल कर दिया है. ऐसे लोगों के पास न तो छत है और न खाने के लिए रोटी. आम दिनों में होटल या ढाबों के बाहर उन्हें खाना मिल जाया करता था, लेकिन लॉकडाउन में सभी जगह बंद होने से उन्हें खाली पेट ही कई दिनों तक सोना पड़ता है. धमतरी के भोजराज मंधान ने जब इन लोगों को देखा तो उनसे रहा नहीं गया. भोजराज ने तुरंत ही ऐसे लोगों को खाना खिलाने की ठान ली. हर रोज भोजराज घर से बड़ा टिफिन का डब्बा लेकर निकलते हैं और रास्ते में जो भी दिख जाता है उसे खाना खिलाते हैं. पेट भर खाना खाने के लिए बाद उन्हें लोग दुआएं देते नहीं थकते.

कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर

पूर्णिमा बाई जो करीब 20 माह से बेघर हैं. उन्होने बताया कि घरवालों ने मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया है. उसने दो दिन से कुछ नहीं खाया था. भोजराज ने उन्हें अपने हाथ से खाना परोसा, उनके खाते तक वहां बने रहे. दो दिन की भूख मिटने के बाद एक सुकून उसके चेहरे पर दिखा. उसने कहा कि अगर कोई खाना नहीं देता तो भूखे रहने की मजबूरी थी.

विधायक पर मदद के बजाय तस्वीरें खिंचवाने का आरोप

पूर्णिमा की तरह ऐसे कई लोग है जो हर दिन खाने के लिए तड़पते हैं. कई समाजसेवी संस्थाएं ऐसे लोगों के लिए खाने का इंतजाम करती है, लेकिन समाज में ऐसे लोगों के प्रति जिन जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है वे अक्सर नदारद रहते हैं. इत्तेफाक ही था कि धमतरी में जिस समय जिस जगह पर भोजराज मंधान पूर्णिमा बाई को खाना खिला रहे थे. वहीं उसी जगह पर विधायक रंजना साहू सड़क पर दूसरे नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवा रहीं थी. दरअसल भाजपा की विधायक महोदया ने बंगाल हिंसा के खिलाफ धरना दिया था. लेकिन इस दौरान उनका ध्यान पास ही में भूखी प्यासी बैठी महिला की ओर नहीं गया. हालांकि विधायक ने ऐसे लोगों के खाने का इंतजाम करने की बात कही है.

धमतरी : जिले में लॉकडाउन के बीच बेघर विक्षिप्तों को खाने-पीने की परेशानियों होने लगी थी. इन बेसहारा लोगों की पीड़ा को समझते हुए जिले के भोजराज मंधान ने उन्हें खाना खिलाने का बीड़ा उठा लिया. भोजराज न कोई जनप्रतिनिधि है और न ही समाजसेवी. उनका कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान उनसे इन लोगों की तकलीफ देखी नहीं गई, इसलिए तब से जो भी घर पर बनता है वे टिफिन में पैक कर लोगों को खाना खिलाने निकल पड़ते हैं. संकट के इस समय जहां जनप्रतिनिधि वाहवाही लूटने के लिए तैयार हैं वहां एक आम आदमी लोगों को खाना खिलाने निकल पड़े हैं.

धमतरी के भोजराज

धमतरी में कांग्रेस कमेटी और सिंधी समाज कोरोना मरीजों तक पहुंचा रहा मुफ्त भोजन

सहारा बने भोजराज

अक्सर सड़कों के किनारे बेसहारा लोग बैठे दिख जाते हैं. इनमें से कुछ ने दिमागी संतुलन खो दिया है तो किसी को अपनों ने घर से बेदखल कर दिया है. ऐसे लोगों के पास न तो छत है और न खाने के लिए रोटी. आम दिनों में होटल या ढाबों के बाहर उन्हें खाना मिल जाया करता था, लेकिन लॉकडाउन में सभी जगह बंद होने से उन्हें खाली पेट ही कई दिनों तक सोना पड़ता है. धमतरी के भोजराज मंधान ने जब इन लोगों को देखा तो उनसे रहा नहीं गया. भोजराज ने तुरंत ही ऐसे लोगों को खाना खिलाने की ठान ली. हर रोज भोजराज घर से बड़ा टिफिन का डब्बा लेकर निकलते हैं और रास्ते में जो भी दिख जाता है उसे खाना खिलाते हैं. पेट भर खाना खाने के लिए बाद उन्हें लोग दुआएं देते नहीं थकते.

कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर

पूर्णिमा बाई जो करीब 20 माह से बेघर हैं. उन्होने बताया कि घरवालों ने मारपीट कर उन्हें घर से निकाल दिया है. उसने दो दिन से कुछ नहीं खाया था. भोजराज ने उन्हें अपने हाथ से खाना परोसा, उनके खाते तक वहां बने रहे. दो दिन की भूख मिटने के बाद एक सुकून उसके चेहरे पर दिखा. उसने कहा कि अगर कोई खाना नहीं देता तो भूखे रहने की मजबूरी थी.

विधायक पर मदद के बजाय तस्वीरें खिंचवाने का आरोप

पूर्णिमा की तरह ऐसे कई लोग है जो हर दिन खाने के लिए तड़पते हैं. कई समाजसेवी संस्थाएं ऐसे लोगों के लिए खाने का इंतजाम करती है, लेकिन समाज में ऐसे लोगों के प्रति जिन जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है वे अक्सर नदारद रहते हैं. इत्तेफाक ही था कि धमतरी में जिस समय जिस जगह पर भोजराज मंधान पूर्णिमा बाई को खाना खिला रहे थे. वहीं उसी जगह पर विधायक रंजना साहू सड़क पर दूसरे नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवा रहीं थी. दरअसल भाजपा की विधायक महोदया ने बंगाल हिंसा के खिलाफ धरना दिया था. लेकिन इस दौरान उनका ध्यान पास ही में भूखी प्यासी बैठी महिला की ओर नहीं गया. हालांकि विधायक ने ऐसे लोगों के खाने का इंतजाम करने की बात कही है.

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