धमतरी: वनांचल और आदिवासी बहुल नगरी सिहावा में 8 करोड़ की लागत से आत्मानंद सरकारी स्कूल बन कर तैयार हो चुका है. atmanand school ready in nagari नगरी सिहावा का इलाका अब तक विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है. यहां विकास कार्यों की बाधाओं, शिक्षकों और स्कूलों की कमी के चलते बेहतर शिक्षा भी बच्चों को नसीब नहीं हो रही. लेकिन नये आत्मानंद सरकारी स्कूल की सौगात मिली है. nagari children get better education in dhamtari जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों में अपने भविष्य को लेकर एक नई उम्मीद जगी है.
धमतरी का है सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक सरकारी स्कूल: यह अत्मानंद सरकारी स्कूल धमतरी का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक सरकारी स्कूल है. dhamtari latest news इस बिल्डिंग में तीन फ्लोर है, जिसमें हिंदी और इंग्लिश मीडियम के 13 सौ से ज्यादा बच्चों के लिये स्मार्ट क्लास रूम है. इसके साथ ही टेबल कुर्सी से लेकर, लाइट पंखे, जमीन पर टाइल्स, दीवारों पर उम्दा रंग रोगन, गर्ल्स-बॉयज के लिये सेपरेट वॉशरूम, फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स के स्मार्ट लैब, कंप्यूटर लैब में लेटेस्ट कॉन्फिगरेशन वाले पर्याप्त कम्प्यूटर्स, हाई स्पीड इंटरनेट के साथ पूरा कैंपस वाईफाई जोन से लैस है.
सभी सुविधाओं से लैस है नया अत्मानंद सरकारी स्कूल: भरपूर किताबों के साथ सजी हुई लाइब्रेरी और चुने हुए प्रशिक्षित टीचरों की टीम, कोचिंग देने के लिये स्टाफ और खेल प्रतिभाओं को पूरा मौका मिलेगा. साथ ही स्कूल में मैदान, सामान और कोच की व्यवस्था है. बिजली चली भी जाए तो यहां सौर उर्जा से सप्लाई की सुविधा है. जिससे बिजली के कारण पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. स्कूल की बाउंड्रीवाल और फ्रंट वॉल पर दुनिया के महान वैज्ञानिकों और विद्वानों की बड़े बड़े पेंटिंग बनवाए गए हैं. इसके लिये खैरागढ़ के संगीत और कला विश्वविद्यालय के छात्रों की मदद ली गई. स्कूल में प्रवेश करते ही एपीजे अब्दुल कलाम, आइंस्टीन की पेंटिंग, संविधान निर्माता बाबा अंबेडकर की छवि छात्रों और शिक्षकों को सकारात्मक प्रेरणा देती है. सुरक्षा के लिये पूरे कैंपस में सीसीटीवी कैमरे और सिक्योरिटी गार्ड हैं.
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निर्माण में सरकार ने 8 करोड़ रुपये आयी लागत: नये अत्मानंद सरकारी स्कूल के निर्माण में सरकार ने 8 करोड़ रुपये खर्च किया है. इसे सिर्फ 8 महीने के अंदर तैयार कर दिया गया है. क्षेत्र की पहचान के साथ जोड़ने के लिये इसे श्रृंगी ऋषि का नाम दिया गया है. प्रदेश में आत्मानंद स्कूलों का कांसेप्ट लाने के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरगामी सोच है. बेहतर शिक्षित वर्तमान ही बेहतर उज्जवल भविष्य बन सकता है और इसकी शुरुआत स्कूलों से ही हो सकती है. नगरी इलाके के बेहतर उज्जवल भविष्य के लिये ये स्कूल टर्निंग प्वाइंट बन सकता है. इस बात को धमतरी प्रशासन और कलेक्टर पी एस एल्मा ने भी गंभीरता से लिया.