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धमतरी: 22 करोड़ की लागत से बना एनीकट हुआ जर्जर, इस्तेमाल की गई थी घटिया सामग्री - ठेकेदार

करोड़ों की लागत से बना एनीकट टुट कर गिर गया है.

एनीकट हुआ जर्जर
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Published : May 18, 2019, 9:55 PM IST

धमतरी: जिले में करोड़ों की लागत से बना एनीकट कुछ ही साल में दम तोड़ दिया. इसमें न तो पानी ठहरता है और न ही किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल रही है. एनीकट के अंदर मिट्टी और रेत का अंबार लगा है, जिसकी वजह से पानी नहीं रुक रहा है.

एनीकट हुआ जर्जर

जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर भूरसीडोंगरी गांव की सीता नदी में एनीकट इसलिए बनाया गया था ताकि इलाके के हजारों एकड़ खेतों को पानी मिल सके. बताया जा रहा है कि साल 2017 में करीब 22 करोड़ रुपए की लागत से इस एनीकट का निर्माण किया गया था, लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने की वजह से एनीकट कुछ ही साल में धराशायी हो गया है, जिससे किसानों को पानी मिलना तो दूर बल्कि जंगली जानवर भी पानी के लिए मोहताज हो गए हैं.

किया गया जमकर भ्रष्टाचार
ग्रामीणों का कहना है कि भुरसीडोंगरी एनीकट निर्माण में जमकर लापरवाही बरती गई है. वहीं इस निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार भी किया गया है. कुछ गेट उखड़ चुके हैं, तो कुछ उखड़ने की कगार पर हैं. सिंचाई नाली बनाया तो गया है, लेकिन एनीकट में अब तक पानी नहीं रोका जा सका है.

ठेकेदार पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
बता दें कि निर्माणाधीन एनीकट की दीवार ढ़हने से दर्जनों किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी. प्रभावित किसानों ने शासन से दो से तीन बार शिकायत भी की थी, लेकिन अब तक एनीकट निर्माण में अनदेखी करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यहां तक की निर्माण कार्य में अनदेखी को लेकर कई बार संबंधित विभाग के अधिकारी और ठेकेदार के बीच विवाद की स्थिति भी बनी थी.

धमतरी: जिले में करोड़ों की लागत से बना एनीकट कुछ ही साल में दम तोड़ दिया. इसमें न तो पानी ठहरता है और न ही किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल रही है. एनीकट के अंदर मिट्टी और रेत का अंबार लगा है, जिसकी वजह से पानी नहीं रुक रहा है.

एनीकट हुआ जर्जर

जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर भूरसीडोंगरी गांव की सीता नदी में एनीकट इसलिए बनाया गया था ताकि इलाके के हजारों एकड़ खेतों को पानी मिल सके. बताया जा रहा है कि साल 2017 में करीब 22 करोड़ रुपए की लागत से इस एनीकट का निर्माण किया गया था, लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने की वजह से एनीकट कुछ ही साल में धराशायी हो गया है, जिससे किसानों को पानी मिलना तो दूर बल्कि जंगली जानवर भी पानी के लिए मोहताज हो गए हैं.

किया गया जमकर भ्रष्टाचार
ग्रामीणों का कहना है कि भुरसीडोंगरी एनीकट निर्माण में जमकर लापरवाही बरती गई है. वहीं इस निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार भी किया गया है. कुछ गेट उखड़ चुके हैं, तो कुछ उखड़ने की कगार पर हैं. सिंचाई नाली बनाया तो गया है, लेकिन एनीकट में अब तक पानी नहीं रोका जा सका है.

ठेकेदार पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
बता दें कि निर्माणाधीन एनीकट की दीवार ढ़हने से दर्जनों किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी. प्रभावित किसानों ने शासन से दो से तीन बार शिकायत भी की थी, लेकिन अब तक एनीकट निर्माण में अनदेखी करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यहां तक की निर्माण कार्य में अनदेखी को लेकर कई बार संबंधित विभाग के अधिकारी और ठेकेदार के बीच विवाद की स्थिति भी बनी थी.

Intro:

एंकर....छत्तीसगढ़ के धमतरी में किसानों के उम्मीद उस समय टूट गई जब करोड़ो के लागत से बनाएं गए एनीकट कुछ ही साल में दम तोड़ दिया.हैरत की बात है कि इस एनीकट में न तो पानी ठहरता है और न ही किसानों को सिंचाई की सुविधा मुक्कमल हो पा रही है. एनीकट निर्माण के वक्त भारी अनिमियता बरती गई थी.लिहाजा अब एनीकट के अंदर मिट्टी और रेत का अंबार पड़ा हुआ है जिसकी वजह से पानी भी रुकना मुश्किल है.
वीओ....बता दें कि धमतरी जिला मुख्यालय से 105 किलोमीटर दूर भूरसीडांेगरी गांव के सीता नदी में एनीकट इसलिए बनाया गया था ताकि इलाके के हजारों एकड़ खेतों को पानी मिल सके.बताया जा रहा है कि साल 2017 में करीब 22 करोड़ रुपए की लागत से इस एनीकट की निर्माण किया गया था लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने के यह एनीकट कुछ ही साल में धराशाही हो गया है.आलम ये है किसानों को पानी मिलना तो दूर बल्कि जंगली जानवर भी पानी के लिए मोहताज है.अगर यह एनीकट ठीक होता तो इलाके के ग्राम नवागांव, बरबांधा, आमगांव समेत विभिन्न गांवों के ग्रामीणों को सिंचाई पानी की सुविधा मिलेगी.निर्माण कार्य में अनदेखी से इन गांवों के सैकड़ों किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि भुरसीडोंगरी एनीकट निर्माण में जमकर लापरवाही बरती गई है. वही इस निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार भी किया गया है.कुछ गेट उखड़ चुके है तो कुछ उखडने के कगार पर है.सिंचाई नाली बनाया तो गया पर एनीकट में अब तक पानी ही नहीं रोका जा सका है और भविश्य में पानी रूकने की संभावना है.

गौरतलब है कि निर्माणाधीन के वक्त एनीकट की दीवार ढहने से दर्जनों किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी.प्रभावित किसानों ने शासन से दो से तीन बार शिकायत किया था लेकिन अब तक एनीकट निर्माण में अनदेखी करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.यहां तक कि निर्माण कार्य में अनदेखी को लेकर कई बार संबंधित विभाग के अधिकारी और ठेकेदार के बीच विवाद की स्थिति भी बन गई थी.

बहरहाल जिला प्रशासन मामले के संज्ञान में आने के बाद अब टूटे हुए एनीकट की मरम्मत का भरोसा दिला रहे है अब देखना होगा कि प्रशासन का इस भरोसे पर कितना कायम रहते है और किसानों को सिंचाई सुविधा दिला पाने में कामयाब होते है या नहीBody:बाईट..... दया राम साहू
बाईट... सोहन कश्यप
बाईट.... चंद्र प्रभात साहू
बाईट.... रजत बंसल कलेक्टर
जय लाल प्रजापति सिहावा धमतरी 8319178303Conclusion:
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