धमतरी: राम वन गमन क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के मकसद से बीते दिनों पर्यटन यात्रा और बाइक रैली निकाली गई थी. इसका आदिवासियों ने विरोध किया था. आदिवासियों ने पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों से मिट्टी उठाए जाने को विरोध किया था. विरोध की वजह से शासन-प्रशासन को इस यात्रा का मार्ग बदलना पड़ा. लेकिन इस मामले में आदिवासियों के खिलाफ धमतरी के प्रतीक सोनी नामक युवक ने टिप्पणी की थी. जिसे लेकर समाज में नाराजगी है.
आरोपी युवक के खिलाफ भड़का आदिवासी समाज
दरअसल समाज का कहना है कि प्रतीक सोनी नाम के युवक ने आदिवासियों की संस्कृति और इतिहास पर अपमान जनक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया. जबकि उन्हें उनके इतिहास, संस्कृति, रीति-रिवाज, सभ्यता पर टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं है. उनकी इस टिप्पणी से आदिवासी समाज की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंचा है.
पढ़ें: पंचायत सचिव का आंदोलन, मांग पूरा नहीं होने पर 'कलम बंद काम बंद' की चेतावनी
आरोपी पर कार्रवाई की मांग
समाज का कहना है कि जबरिया रूप से प्रकृतिवादी समाज के उपर हिन्दुत्व को थोपा जा रहा है. आदिवासी लोग न तो आस्तिक है और न ही नास्तिक है. वे वास्तविकता को लेकर चलते हैं और संवैधानिक दायरे में रहकर अपने अधिकारों की बात करते हैं .ऐसे सभ्य समाज को इस तरह से कुंठित मानसिकता वाले लोग ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं. जो आपत्तिजनक है. बहरहाल आदिवासी समाज ने युवक के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग पुलिस प्रशासन से की है. वहीं कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.