धमतरी: अजय चन्द्राकर ने सीएम भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात कार्यक्रम को प्रायोजित कार्यक्रम बताया. वहीं कुरूद बीईओं को सस्पेंड किए जाने के मामले को राजनीतिकरण से प्रेरित कहा.कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर ने प्रेसवार्ता कर कहा कि "बीईओ ने मोटिवेशनल स्पीच के लिए आदेश निकाला था. लोगों के आपत्ति के बाद उसे वापस भी ले लिया. कुछ निकृष्ट कांग्रेसियों ने राजनीतिकरण कर मुख्यमंत्री को गुमराह किया. मुख्यमंत्री स्वयं परेशान रहते हैं. इसलिए इन नेताओं के कहने पर बीईओ का संस्पेड कर दिया. भागवत कार्यक्रम कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था और न ही सरकार के उपर निर्भर था. क्या मुख्यमंत्री उन कांग्रेसियों पर भी कार्रवाई करेंगे जो मोटिवेशनल स्पीच सुनने आये थे.
सरकार ताबूत में कील ठोंकने का काम कर रही: विधायक अजय चन्द्राकर ने आगे कहा कि "ऐसा करके सरकार कील ताबूत में कील ठोंकने का काम कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने धर्म विरोधी और युवा विरोधी आरचण को भी दिखा रहे हैं. हम जनता तक इस मुददे को लेकर जाएगें और इसकी कड़ी निंदा भी करते है. सरकार की भेंट मुलाकात प्रायोजित कार्यक्रम है. सिर्फ वही प्रश्न पूछ सकते हैं जो उनके अनुकूल हो बाकि लोगों को पुलिस जेल भेज देती है. मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछना है तो गोबर कितना बिका, गौमूत्र कितना बिका और बोनस कितना मिला. इसके अलावा स्वामी आत्मांनद स्कूल के रेनोवेशन का घोटाला चल रहा है. जितना खर्च रेनोवेशन में सरकार कर रही है उतने में स्कूल भवन बन सकता है."
सरकार ईडी ईडी कह रही है: सरकार पर हमला करते हुए अजय चन्द्राकर ने कहा कि "सरकार ईडी ईडी कह रही है जब सरकार गलत नहीं कर रही है. तो ईडी से क्यों डर रही है. ईडी के खिलाफ क्यों बार बार बोल रहे है. आज की स्थिति में कर्नाटक के 76 प्रतिशत आरक्षण को कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया. छत्तीसगढ़ सरकार ने जानबूझकर आरक्षण विधेयक लाने का काम किया. विधेयक विधानसभा में पारित नहीं हुआ है और न ही उसका स्वरूप बना है. एक संकल्प आया कि इसे नौंवी अनुसूची में जोड़ा जाए.सरकार नौंवी अनुसूची की अपेक्षा कर रही है."