धमतरी: रेत खदानों को माफिया मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन ने अब सख्त रणनीति तैयार की है. बताया जा रहा है कि अब खदानों में खनिज के साथ राजस्व का अमला भी काम देखेगा. इसमें एसडीएम से लेकर पटवारी तक को जिम्मेदारी दी जाएगी. प्रशासन के इस कदम से एक ओर जहां काम की मॉनिटरिंग में सुधार होगा, वहीं दूसरी ओर चोरी को रोका जा सकेगा.
15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत खदानों के संचालन पर शासन ने रोक लगा दी है. इसके मद्दनेजर जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को रोकने सहित प्रशासनिक कसावट लाने के मकसद से जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कलेक्टर ने सभी अधिकारियों के कड़े निर्देश दिए हैं, कि कहीं भी अवैध उत्खनन की शिकायत सामने नहीं आनी चाहिए. लगातार सभी अधिकारियों को दौरे करने के लिए कहा गया है. इसके लिए खनिज विभाग के साथ तहसीलदार सहित नायाब तहसीलदार और पटवारियों को जिम्मेदारी दी गई है.
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गौरतलब है कि बीते दिनों जोरातराई ढाभा खदान में एक जिला पंचायत सदस्य और उसके तीन साथियों पर जानलेवा हमला हुआ था. इसके बाद पूरे प्रदेश में खलबली मच गई थी. रेत माफिया ने जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव और उनके साथियों को एक कमरे में बंधक बनाकर, उनपर लाठी-डंडे और रॉड से जानलेवा हमला किया था. इस केस में पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक आरोपी अभी भी फरार है. जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
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इस मामले में सीएम भूपेश बघेल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह के माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम भूपेश बघेल ने रेत सहित अन्य सभी तरह के माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं.