धमतरी: वित्तीय वर्ष 2019-20 में 27 ग्राम पंचायतों के सचिव और पूर्व सरपंचों ने विकास कार्यों और विभिन्न मदों से एवज में सरकारी राशि का आहरण कर करीब 97 लाख 91 हजार रूपए का गबन किया. लेकिन इतनी बड़ी राशि को वसूल करने में जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है और न ही इन पर अब तक कोई कार्रवाई हो सकी है. ऐसे में प्रशासन के कार्यशैली को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस मामले में विभागीय अफसर पूर्व सरपंचों को अब नोटिस देने और उनपर कानूनी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
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शासन प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों में गांव के विकास के लिए लाखों रुपये आवंटित किए जाते हैं. कई ग्राम पंचायतों में इसका सही उपयोग किया जाता है तो कई जगह जनप्रतिनिधि इसका दुरुपयोग भी करते हैं. ऐसा ही कुछ मामला 28 ग्राम पंचायतों में सामने आया था. इनमें से अब एक पंचायत ने बकाया राशि 1 लाख 21 हजार रुपये जमा करा दिए हैं. लेकिन बाकी पंचायतों की राशि अब भी नहीं मिल सकी है.
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पंचायत चुनाव हुए साल भर बीतने को है. बावजूद भी प्रशासन इन पंचायतों से रिकवरी की कोशिशें शुरू नहीं कर सका है. अधिकारियों का कहना है कि गबन में दोषी की जांच की जा रही है. अगर सचिव इसमे दोषी पाया जाता है तो यह राशि उनके वेतन से काटी जाएगी. इसके अलावा सरपंचों के खिलाफ नोटिस जारी कर FIR दर्ज कराई जाएगी. जानकारी के मुताबिक इन पूर्व सरपंचों और सचिवों ने ग्राम पंचायतों में सड़क, नाली, तालाब, विद्यालय भवन सहित अन्य कामों के लिए जारी किए गए रकम का गबन किया. इस तरह जिले के करीब 27 पूर्व सरपंच और सचिव से 96 लाख 70 हजार 483 रुपए वसूल किए जाने हैं. अब देखना होगा कि प्रशासन इनसे राशि वसूलने में कितनी कामयाब हो पाती है.