धमतरी: जिलें में अब हाथियों के लिए सबसे सुरक्षित और मनपंसद जगह बन चुका है. यही वजह है कि जिले का जंगल हाथियों को खूब पंसद आ रहा है. यहां लगातार हाथियों का दल पहुंच रहा है और जंगलों में विचरण भी कर रहा है. इन दिनों एक बार फिर से दंतैल हाथियों का दल डूबान क्षेत्र के जंगलों में डेरा जमाया हुआ है.
दरअसल धमतरी जिला मानों हाथियों के लिए आराम गाह बन सा गया है. जिले में सबसे पहले हाथियों का दल साल 2019 में पहुंचा था. जिसका नेतृत्व चंदा हथिनी कर रही थी. बीते सालभर से चंदा हाथी का दल और अन्य हाथियों का दल समय- समय पर पहुंच रहे हैं. ये दल धमतरी से आगे बढ़कर बालोद, कांकेर तक पहुंचता है और फिर वापस धमतरी जिला होते हुए गरियाबंद जिले की ओर लौट जाता है. बीते दो साल से हाथियों का आना जाना जिले में लगातार रहा है. ऐसा कोई सप्ताह न हीं बीता जब जिले में हाथी न रहे हो. भले ही इनकी संख्या कम या ज्यादा होती रही है.
हाथियों को धान खिलाने का कॉन्सेप्ट है फ्लॉप- विष्णुदेव साय
जिले में हाथियों के लगातार आगमन से ग्रामीणों में दहशत बरकरार है. चंदा हथिनी के दल में करीब 26 हाथी है एक दूसरे दल में 4 दंतैल हाथी है. यह धमतरी से बालोद, कांकेर के जंगल तक विचरण रह रहे है. बीच बीच में बस्तियों के आस पास भी आए. हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया और केले की बाड़ियों में भी उत्पात किया. हालांकि अब तक कोई बड़ा नुकसान नहीं किया है.
कांकेर जिले की ओर बढ़ रहा है हाथियों का दल
हाल ही में गरियाबंद क्षेत्र से केरेगांव रेंज होते हुए एक बार फिर धमतरी रेंज के डूबान क्षेत्र में 3 दंतैल हाथियों का दल पहुंचा हुआ है. इसके अलावा हाथियों के दूसरे दल से एक हाथी डूबान क्षेत्र में विचरण कर रहा है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 3 हाथियों का दल कांकेर जिले की ओर बढ़ रहा है. लेकिन एक हाथी अभी भी डूबान में मौजूद है. वन विभाग की 4 टीम लगातार हाथियों पर निगरानी रख रहा है. जहां भी हाथियों के जाने के संकेत मिलते हैं. वहां आसपास के लोगों को सतर्क कर रही है. इसके अलावा मुनादी भी किया जा रहा है. ताकि किसी को भी इससे नुकसान न पहुंचे. फिलहाल इन हाथियों ने किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी वन विभाग पूरी एतिहात बरत रही है और लोगों को जंगल की ओर जाने से मना कर रहे है.