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दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी की पूजा के साथ कराया गया कन्या भोज - मां दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा

मां दंतेश्वरी के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई. चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन पूजा के बाद नौ कन्याओं को भोग लगाया गया.

Chaitra Navratri in dantewada
मां दंतेश्वरी की पूजा के साथ कराया गया कन्या भोज
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Published : Apr 21, 2021, 3:42 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 8:58 PM IST

दंतेवाड़ा: बुधवार को मां दंतेश्वरी के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई. पूजा के बाद नौ कन्याओं को भोग लगाया गया.चैत्र नवरात्र का आज नौवां दिन है. नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि माता सिद्धिदात्री की पूजा से साधक को सभी सिद्धियां मिल जाती है.सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां दंतेश्वरी की पूजा के साथ कराया गया कन्या भोज

मां दंतेश्वरी मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर मंदिर कमेटी के सेवादारों ने हवन किया. जिसके बाद मंदिर प्रांगण में 9 कन्याओं को भोज कराया गया. देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था. इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए. इनकी कृपा से मनुष्य अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है.

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा

श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की नहीं मिली अनुमति

मंदिर के पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस चैत्र नवरात्रि के दौरान पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. सिर्फ कमेटी के सदस्य और मंदिर के ही पुजारी मंदिर में उपस्थित रहे. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आम श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी.

दंतेवाड़ा: बुधवार को मां दंतेश्वरी के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई. पूजा के बाद नौ कन्याओं को भोग लगाया गया.चैत्र नवरात्र का आज नौवां दिन है. नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि माता सिद्धिदात्री की पूजा से साधक को सभी सिद्धियां मिल जाती है.सारे कष्ट दूर होते हैं.

मां दंतेश्वरी की पूजा के साथ कराया गया कन्या भोज

मां दंतेश्वरी मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर मंदिर कमेटी के सेवादारों ने हवन किया. जिसके बाद मंदिर प्रांगण में 9 कन्याओं को भोज कराया गया. देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था. इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए. इनकी कृपा से मनुष्य अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है.

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा

श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की नहीं मिली अनुमति

मंदिर के पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस चैत्र नवरात्रि के दौरान पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. सिर्फ कमेटी के सदस्य और मंदिर के ही पुजारी मंदिर में उपस्थित रहे. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आम श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी.

Last Updated : Apr 21, 2021, 8:58 PM IST
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