ETV Bharat / state

गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं दंतेवाड़ा की महिलाएं

भूपेश बघेल सरकार की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत गोबर खरीदी और वर्मी कंपोस्ट खाद बेचकर दंतेवाड़ा की महिला समूह आत्मनिर्भर बन रही है. गांव की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. साथ ही हर महीने उन्हें 5 हजार से अधिक का फायदा भी हो रहा है.

women-of-self-help-group-earning-money
दंतेवाड़ा की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
author img

By

Published : Dec 27, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Dec 27, 2020, 7:16 PM IST

दंतेवाड़ा: भूपेश बघेल सरकार की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं गांव वालों से गोबर खरीद कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. जिसमें शासन-प्रशासन महिलाओं का भरपूर सहयोग कर रहा है. महिलाओं के लिए गौठान में सेट बना कर दिया गया है. ताकि महिलाएं गोबर खरीद कर कंपोस्ट खाद तैयार कर सकें. फिलहाल भारत माता स्व-सहायता समूह वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का काम कर रहा है.

अध्यक्ष मदीना मौर्य ने बताया कि पहले हम लोग गांव वालों से गोबर को 2 रुपए किलो में खरीदा है. उन्हें ऑनलाइन खाते में पेमेंट किया गया है. गोबर को एक गड्ढे में 15 दिनों के लिए डाला जाता है. 15 दिनों बाद उस गोबर को टंकी में वर्मी कंपोस्ट खाद के लिए रख दिया जाता है. जिसके बाद खाद तैयार होने के बाद उसे निकालकर सुखाया जाता है. खाद तैयार होने के बाद उसे हम 10 रुपए किलो में शासन-प्रशासन और अन्य लोगों को बेचते हैं. जिससे अच्छा मुनाफा हो रहा है. हर महीने 4 से 5 हजार रुपए का मुनाफा हो रहा है.

दंतेवाड़ा की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

पढ़ें: आत्मनिर्भर बन रहे नक्सलगढ़ के ग्रामीण, छिंद रस के गुड़ से दंतेवाड़ा को दिला रहे पहचान

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्व-सहायता समूह की सहायिका हेमलता बघेल ने बताया कि गौठानों में मवेशियों को रखा जा रहा है. गोबर से जैविक और वर्मी खाद्य तैयार किया जा रहा है. इसमें शासन-प्रशासन हमारा भरपूर सहयोग भी मिल रहा है. गौठान रोजगार का जरिया बन गया है. सभी आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: रेशम के धागे से बुन रहे खुशियों का ताना-बाना, स्वसहायता समूह की दीदियां बनीं आत्मनिर्भर

किताब जनपद पंचायत सीईओ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश के अनुसार महिलाओं के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है. जिससे महिलाओं को रोजगार मिला है. महिलाएं गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रही हैं. महिलाओं ने अबतक 38 हजार का गोबर खरीदा है. 20 क्विंटल वर्मी खाद कंपोस्ट बना चुके हैं. जिसे दस रुपए प्रति किलो के हिसाब से सहकारी समिति को बेचा जा रहा है. जिससे यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.

कलेक्टर ने की सराहना

कलेक्टर दीपक सोनी ने महिलाओं के कार्यों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. महिलाओं को इससे फायदा भी हो रहा है. योजना का लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की ओर एक व्यापक कदम है.

दंतेवाड़ा: भूपेश बघेल सरकार की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं गांव वालों से गोबर खरीद कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. जिसमें शासन-प्रशासन महिलाओं का भरपूर सहयोग कर रहा है. महिलाओं के लिए गौठान में सेट बना कर दिया गया है. ताकि महिलाएं गोबर खरीद कर कंपोस्ट खाद तैयार कर सकें. फिलहाल भारत माता स्व-सहायता समूह वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का काम कर रहा है.

अध्यक्ष मदीना मौर्य ने बताया कि पहले हम लोग गांव वालों से गोबर को 2 रुपए किलो में खरीदा है. उन्हें ऑनलाइन खाते में पेमेंट किया गया है. गोबर को एक गड्ढे में 15 दिनों के लिए डाला जाता है. 15 दिनों बाद उस गोबर को टंकी में वर्मी कंपोस्ट खाद के लिए रख दिया जाता है. जिसके बाद खाद तैयार होने के बाद उसे निकालकर सुखाया जाता है. खाद तैयार होने के बाद उसे हम 10 रुपए किलो में शासन-प्रशासन और अन्य लोगों को बेचते हैं. जिससे अच्छा मुनाफा हो रहा है. हर महीने 4 से 5 हजार रुपए का मुनाफा हो रहा है.

दंतेवाड़ा की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

पढ़ें: आत्मनिर्भर बन रहे नक्सलगढ़ के ग्रामीण, छिंद रस के गुड़ से दंतेवाड़ा को दिला रहे पहचान

आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

स्व-सहायता समूह की सहायिका हेमलता बघेल ने बताया कि गौठानों में मवेशियों को रखा जा रहा है. गोबर से जैविक और वर्मी खाद्य तैयार किया जा रहा है. इसमें शासन-प्रशासन हमारा भरपूर सहयोग भी मिल रहा है. गौठान रोजगार का जरिया बन गया है. सभी आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: रेशम के धागे से बुन रहे खुशियों का ताना-बाना, स्वसहायता समूह की दीदियां बनीं आत्मनिर्भर

किताब जनपद पंचायत सीईओ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश के अनुसार महिलाओं के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है. जिससे महिलाओं को रोजगार मिला है. महिलाएं गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर रही हैं. महिलाओं ने अबतक 38 हजार का गोबर खरीदा है. 20 क्विंटल वर्मी खाद कंपोस्ट बना चुके हैं. जिसे दस रुपए प्रति किलो के हिसाब से सहकारी समिति को बेचा जा रहा है. जिससे यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.

कलेक्टर ने की सराहना

कलेक्टर दीपक सोनी ने महिलाओं के कार्यों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. महिलाओं को इससे फायदा भी हो रहा है. योजना का लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की ओर एक व्यापक कदम है.

Last Updated : Dec 27, 2020, 7:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.