दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना काफी कारगर साबित हो रही है. नक्सलगढ़ में इस बार 143 ग्राम पंचायतों में लोगों को रोजगार देकर कीर्तिमान स्थापित किया है.
जिले में मनरेगा का बना रिकॉर्ड
जिले में पहली बार मनरेगा के तहत 20.67 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान सीधे हितग्राहियों के खाते में किया गया है. मनरेगा के अंतर्गत 143 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को रोजगार दिया गया है.इसके साथ ही 100 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम किए जा रहे हैं.
20.67 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान
जनपद पंचायत कुआकोण्डा के ग्राम पंचायत के रेवाली, पोटाली एवं बुरगुम जिसे नक्सलियों का राजधानी कहा जाता रहा है. वहां पहली बार इस वित्तीय वर्ष में 10582 लोगों को 20.67 लाख रुपये मजदूरी का भुगतान सीधे हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर किया गया. ग्राम पंचायत पोटाली के 35 परिवारों ने भी 100 दिन का रोजगार पूरा किया है.
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इसके अलावा पूरे जिले से 6694 सामान्य परिवार, 2695 वन अधिकार पट्टाधारी परिवारों ने 100 दिन का रोजगार पूरा किया है. इसके साथ ही जन संचय और जल संरक्षण के काम जैसे 235 डबरी, 66 तालाब, 1238 भूमि समतलीकरण जैसे कार्यों में 35.67 करोड़ रुपये का खर्च किया गया.