दंतेवाड़ा: अर्सेल मित्तल निपॉन के नाम पर लोहा पत्थर की तस्करी करते दो ट्रकों को वन विभाग की टीम ने नाका में पकड़ लिया. छोटे स्तर के लोहा पत्थर जिसे बस्तर में आलू पत्थर के नाम से जाना जाता है जो बैलाडीला की पहाड़ियों व आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है. जिसे लीज पर अर्सेल मित्तल निपॉन लिया है.
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कई वर्षों से लोहा पत्थर तस्कर सक्रिय: कई वर्षों से इसे ट्रकों के माध्यम से भी ले जाया जा रहा है.जिसका फायदा उठाते हुए लोहा पत्थर तस्कर सक्रिय है और इस काम को अंजाम देते हैं. पकड़े गए ट्रक के कर्मचारियों ने वन विभाग को अर्सेल मित्तल निपॉन के नाम पर लोहा पत्थर की सप्लाई की स्क्रिप्ट दिखाई. यह खेल वनोपज नाका की जांच में खुल कर सामने आया है. बचेली से तीन गाड़ी डस्ट के नाम आलू पत्थर भर कर निकली है. तीनों गाड़ियों में लाखों रुपए का आयरन भरा होना बताया जा रहा है. इस बात की सूचना वन अफसरों को अपने गुप्तचरों से मिली. वन अमला सक्रिय हुआ. एक ट्रक को कर्मचारियों ने धुरली में पकड़ा और दो ट्रक को वनोपज नाका में पकड़ा है. वहीं पकड़े गए ट्रक वालों के पास कोई कागज भी मौजद नहीं था.
ओडिशा नंबर की गाड़ी: कई नाके पार कर आए ये ट्रक इंट्री तक नहीं हुई. इन संदेहों के साथ गाड़ी का पास होना कई सवाल खड़े कर रहा है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि इन तीनों ट्रकों को सभी नाकों से पार कराने के लिए ओडिशा नंबर की स्कार्पियों से सभी नाकों से सेटिंग गेटिंग कर निकल रहा है. अब वन अफसर इस मामले को समझ रहे हैं. फिलहाल कोई कार्रवाई होते नहीं दिख रही है.
वहीं लोगों का कहना है यदि यहां हरी झंडी मिली तो अर्सेल मित्तल निपॉन के कर्मचारी आलू पत्थर के अवैध व्यापार वैध तरीके से धड़ल्ले से करेंगे. डस्ट में, उसमें 50 प्रतिशत से अधिक पत्थर है. यह तीनों गाड़ियां आरती स्पंज में जाने का दावा किया जा रहा है.