दंतेवाड़ा: बस्तर में जवानों के लगातार बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों का मनोबल टूर रहा है. शनिवार को हार्डकोर माओवादी और पांच लाख के इनामी नक्सली गंगा ने दो साथियों के साथ सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले तीन नक्सली कई संगीन वारदातों में शामिल थे. पुलिस के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही कमांडर गंगा को आदवाल के जंगलों में घेर लिया था. जवानों से घिर जाने के बाद भी कमांडर गंगा किसी तरह से बच निकला था. पुलिस ने कमांडर गंगा की गिरफ्तारी पर पांच लाख का इनाम भी रखा था.
जान पर भारी जिंदगी लगी प्यारी: पुलिस के मुताबिक कमांडर गंगा जब जवानों से बच निकला तो उसे डर हो गया कि एक दिन वो जरूर मारा जाएगा. लगातार हो रही सर्चिंग के चलते जंगल में भी वो अब सुरक्षित नहीं है. कमांडर गंगा ने इसके बाद ही सरेंडर करने का मन बना लिया. कमांडर गंगा ने गांव वालों से संपर्क किया. गांव वालों ने ये बात पुलिस के आला अफसरों को बताई कि वो अपने दो साथियों के साथ सरेंडर करना चाहता है. पुलिस ने जब सरेंडर की बात मान ली तब गंगा दंतेवाड़ा से छुपते छुपाते पुलिस अफसरों के सामने पहुंचा और सरेंडर कर दिया. गंगा और उसके साथियों ने पुलिस के सामने कई वारदातों में शामिल होने की बात कबूल की है.
टूट रहा है माओवादियों का तिलिस्म: बस्तर में लगातार सिमटते जा रहे संगठन से अब उसके ही साथियों का मोहभंग होने लगा है. जवानों की लगातार बढ़ रही सर्चिंग और कार्रवाई से नक्सली घबरा गए हैं. बीते एक सालों में सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या में तेजी आई है. नक्सलियों के बड़े नेताओं पर शारीरिक शोषण और प्रताड़ना का भी आरोप लगता रहा है. लंबे वक्त से नक्सली संगठन के लोग गांव वालों को बहकाकर उनको अपने संगठन में शामिल करते रहे हैं. युवा अब बस्तर से बाहर निकलकर विकास को देखना चाहता है. परिवार की जिम्मेदारी उठाना चाहता है.