दंतेवाड़ा: आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों (surrender naxalites) ने पुलिस के सामने बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि सिलगेर कैंप के विरोध (silger police camp ) के लिए नक्सली ग्रामीणों पर दबाव डाल रहे हैं. पुलिस जिले में लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign) चला रही है. अभियान से प्रभावित हो कर आए दिन नक्सली समर्पण कर रहे हैं. किरंदुल थाना में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के सामने सोमवार को एक इनामी सहित कुल चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.
पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा
चार नक्सलियों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक एसपी अभिषेक पल्लव के सामने सरेंडर किया. जिसके बाद पुलिस पूछताछ में चारों नक्सलियों ने यह खुलासा किया कि सिलगेर कैंप का विरोध करने के लिए नक्सली देवा और जयलाल ग्रामीणों को पर दबाव बना रहे हैं. सिलगेर आंदोलन में शामिल होने के लिए ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है.
बता दें नक्सली देवा पर 10 लाख रुपए और जयलाल पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित है. ग्रामीण सिलगेर नहीं जाना चाहते, लेकिन आंदोलन में शामिल होने के लिए लगातार नक्सली दबाव बना रहे हैं. यदि ग्रामीण सिलेगर जाने से मना करते हैं, तो नक्सली उनपर 500 रुपए का अर्थदंड लगा कर प्रताड़ित करते हैं. दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले की सरहदी इलाके के ग्रामीण काफी परेशान हैं.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों का खुलासा, 'कोरोना वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं नक्सली'
सरेंडर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा
सरेंडर नक्सली बुधराम ने बताया कि नक्सली हमें सिलगेर जाने के लिए कह रह थे, लेकिन वहां कोरोना संक्रमण का डर था. इसलिए हमने सरेंडर करने का फैसला लिया. उनका कहना है कि सिलगेर जाते तो कोरोना से मर जाते, नहीं जाते तो नक्सली हमें मार देते. इसलिए सरेंडर करने का फैसला लिया है.
सिलगेर आंदोलन में नक्सली भी शामिल
सरेंडर नक्सलियों ने पुलिस को बताया है कि सिलगेर आंदोलन में ग्रामीणों की भीड़ के बीच कई छोटे कैडर के नक्सली भी शामिल हैं. सरेंडर नक्सलियों ने कहा कि नक्सली लीडर हमें भी सिलगेर जाने को कह रहे थे. लेकिन वहां अब कोरोना तेजी से फैल रहा है. कई लोग कोरोना से संक्रमित हैं. यदि हम लोग सिलगेर जाएंगे तो हम भी कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे. यदि हम लीडरों को जाने से मना करते तो वो हमें भी मार देते.