दंतेवाड़ा : नक्सली हमले में जान गंवाने वाले बीजेपी विधायक भीमा मंडावी को पुलिस ने नकुलनार आने से रोका भी था, लेकिन वो नहीं माने और नक्सलियों के हमले में उनकी मौत हो गई. एसपी अभिषेक पल्लव ने खुलासा किया है कि, 'तीन बजे तक मंडावी को DRG के 50 जवानों की सुरक्षा दी गई थी, इसके बाद थाना प्रभारी ने उन्हें नकुलनार आने से रोका था'.
एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि, 'विधायक भीमा मंडावी को तीन बजे तक डीआरजी के 50 जवानों की सुरक्षा दी गई थी, 3 बजे विधायक ने नकुलनार आने की बात कही, जिस पर TI द्वारा उन्हें रोका गया, लेकिन वो नहीं माने और यहां के लिए निकल गए'.
एसपी ने कहा कि, 'कुआकोंडा से करीब 2 किलोमीटर पहले नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को उड़ा दिया. ब्लास्ट इतना तेज था कि बुलेट प्रूफ गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. ब्लास्ट के बाद नक्सलियों ने फॉलो गाड़ी में मौजूद जवानों पर भी फायरिंग की.
उन्होंने बताया कि, 'दोनों तरफ से करीब आधे घंटे तक फायरिंग होती रही. हमले में ब्लास्ट की चपेट में आई गाड़ी में मौजूद पांचों लोगों की मौत हो गई. जिनमें विधायक भीमा राम मंडावी, प्रधान आरक्षक छगन कुलदीप, आरक्षक सोमडू कवासी, प्रधान आरक्षक रामलाल ओयमी, वाहन चालक दंतेश्वर मौर्य शहीद हो गए हैं.