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नक्सलियों के खिलाफ पत्रकारों के प्रदर्शन का सोनी सोरी ने किया समर्थन

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Published : Feb 17, 2021, 10:45 AM IST

नक्सलियों ने पत्रकारों को धमकी दी है. नक्सलियों की धमकी से दंतेवाड़ा के स्थानीय पत्रकारों में आक्रोश है. इसे लेकर पत्रकारों ने बुरगुम गांव में धरना-प्रदर्शन किया. सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पत्रकारों के प्रदर्शन का समर्थन किया है.

journalists protest
पत्रकारों का प्रदर्शन

दंतेवाड़ा: नक्सलियों ने कुछ दिन पहले पत्रकारों को धमकी दी थी. इसे लेकर स्थानीय लोगों और पत्रकारों में आक्रोश है. पत्रकार लगातार बाइक रैली और धरना-प्रदर्शन कर नक्सलियों की इस कायराना करतूत का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को पत्रकारों ने नक्सलियों के गढ़ बुरगुम गांव में धरना-प्रदर्शन कर उनके फरमान का विरोध किया. सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पत्रकारों के प्रदर्शन का समर्थन किया है.

पत्रकारों ने पेड़ पर पोस्टर लगाकर नक्सलियों की इस हरकत को कायराना बताया है. पत्रकारों को समर्थन देने पहुंची सोनी सोरी ने कहा कि आज मैं जिंदा हूं, तो पत्रकारों के कारण. पत्रकार नहीं होते तो कोई भी सच्चाई तक नहीं पहुंच पाता. सोनी सोरी ने कहा कि नक्सलियों ने हत्या का एलान कर दिया, इसकी मैं कड़ी निंदा करती हूं. उन्होंने कहा कि मैं नक्सलियों से अपील करती हूं कि वो सच्चाई का पता लगाएं.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: नक्सलियों की धमकी के खिलाफ पत्रकारों की बाइक रैली

पत्रकारों को जान से मारने की धमकी

नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर बीजापुर और सुकमा जिले के पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी थी. नक्सली संगठन दंतेवाड़ा कम्युनिस्ट पार्टी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की तरफ से ये प्रेस नोट जारी किया गया था. नक्सलियों ने बीजापुर और सुकमा के पत्रकारों पर सरकार का पक्ष रखने और नक्सली विचारधारा का विरोध करने का आरोप लगााया था. नक्सलियों की धमकी के बाद से दंतेवाड़ा जिले के पत्रकारों ने बुरगुम गांव के मलिंगर नदी के पास धरना-प्रदर्शन किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पत्रकारों के धरना-प्रदर्शन के दौरान नक्सली लीडर वहीं मौजूद थे.

पढ़ें: बस्तर: पत्रकारों को नक्सलियों की धमकी से सामाजिक संगठनों में आक्रोश

नक्सलियों ने की पत्रकारों की हत्या

साल 2013 के फरवरी और दिसंबर महीने में नक्सलियों ने 2 स्थानीय और वरिष्ठ पत्रकारों की हत्या की थी. 12 फरवरी को पत्रकार नेमीचंद जैन और 7 दिसंबर 2013 को साईं रेड्डी की हत्या की थी. इसके अलावा साल 2018 में दूरदर्शन का एक कैमरामैन भी नक्सलियों की गोली का शिकार हुआ था.

दंतेवाड़ा: नक्सलियों ने कुछ दिन पहले पत्रकारों को धमकी दी थी. इसे लेकर स्थानीय लोगों और पत्रकारों में आक्रोश है. पत्रकार लगातार बाइक रैली और धरना-प्रदर्शन कर नक्सलियों की इस कायराना करतूत का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को पत्रकारों ने नक्सलियों के गढ़ बुरगुम गांव में धरना-प्रदर्शन कर उनके फरमान का विरोध किया. सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पत्रकारों के प्रदर्शन का समर्थन किया है.

पत्रकारों ने पेड़ पर पोस्टर लगाकर नक्सलियों की इस हरकत को कायराना बताया है. पत्रकारों को समर्थन देने पहुंची सोनी सोरी ने कहा कि आज मैं जिंदा हूं, तो पत्रकारों के कारण. पत्रकार नहीं होते तो कोई भी सच्चाई तक नहीं पहुंच पाता. सोनी सोरी ने कहा कि नक्सलियों ने हत्या का एलान कर दिया, इसकी मैं कड़ी निंदा करती हूं. उन्होंने कहा कि मैं नक्सलियों से अपील करती हूं कि वो सच्चाई का पता लगाएं.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: नक्सलियों की धमकी के खिलाफ पत्रकारों की बाइक रैली

पत्रकारों को जान से मारने की धमकी

नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर बीजापुर और सुकमा जिले के पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी थी. नक्सली संगठन दंतेवाड़ा कम्युनिस्ट पार्टी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की तरफ से ये प्रेस नोट जारी किया गया था. नक्सलियों ने बीजापुर और सुकमा के पत्रकारों पर सरकार का पक्ष रखने और नक्सली विचारधारा का विरोध करने का आरोप लगााया था. नक्सलियों की धमकी के बाद से दंतेवाड़ा जिले के पत्रकारों ने बुरगुम गांव के मलिंगर नदी के पास धरना-प्रदर्शन किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पत्रकारों के धरना-प्रदर्शन के दौरान नक्सली लीडर वहीं मौजूद थे.

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नक्सलियों ने की पत्रकारों की हत्या

साल 2013 के फरवरी और दिसंबर महीने में नक्सलियों ने 2 स्थानीय और वरिष्ठ पत्रकारों की हत्या की थी. 12 फरवरी को पत्रकार नेमीचंद जैन और 7 दिसंबर 2013 को साईं रेड्डी की हत्या की थी. इसके अलावा साल 2018 में दूरदर्शन का एक कैमरामैन भी नक्सलियों की गोली का शिकार हुआ था.

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