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करीब 15 साल बाद खुला वो रास्ता जो नक्सलियों ने ब्लॉक कर रखा था, यहां कभी इमली और मिर्च भरपूर होती थी - सीआरपीएफ, डीआरजी और महिला कमांडो

सुकमा जिले में स्थित जगरगुंडा घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. यह इलाका पिछले डेढ़ दशक से नक्सलियों के कब्जे में था. नक्सलियों के आतंक की वजह से इस रास्ते से आना-जाना बंद था. लेकिन करीब 15 साल बाद ये रास्ता खोल दिया गया है. जिले के एसपी अभिषेक पल्लव ने जगरगुंडा जाकर जायजा लिया.

abhishek pallav inspected roads
एसपी अभिषेक पल्लव ने लिया जायजा
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Published : Dec 1, 2020, 12:47 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 1:04 PM IST

दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा रोड पर करीब 15 साल बाद लोग आना-जाना कर सकेंगे. करीब डेढ़ दशक बाद ये रास्ता लोगों के लिए खोला गया है. नक्सलियों के आतंक की वजह से इस रास्ते से किसी का निकलना मुश्किल था. सोमवार को जगरगुंडा रोड आम लोगों के लिए खोली गई, इस दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव भी मौजूद रहे. 15 साल से सुकमा और दंतेवाड़ा के जवान इस सड़क की सुरक्षा में लगे हैं.

15 साल बाद खुला जगरगुंडा का रास्ता

इस रोड को खोलने में पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कमारगुड़ा में नया कैंप खुलने के बाद वहां सुरक्षित सड़क निर्माण और मजदूरों की सिक्योरिटी के लिए जवान तैनात किए गए हैं. जिसकी वजह से ये संभव हो पाया है.

पढ़ें- यहां न पुल है न सड़क: अपनी फसल बेचने के लिए रोड बनाते हैं किसान, इस साल भी ऐसे ही बेचना पड़ेगा धान

कमारगुडा से जगरगुंडा सिर्फ 4 किलोमीटर पहले स्थित है. इस कैंप के खुलने के बाद जुडवा नाला से कमारगुड़ा तक और कमारगुड़ा से और आगे जगरगुंडा तक नक्सलियों ने जगह-जगह IED प्लांट किए थे और सड़कों को खोद दिया था. एसपी अभिषेक पल्लव के निर्देश पर सीआरपीएफ, डीआरजी और महिला कमांडो ने आईईडी प्लांट को डिफ्यूज किया और सड़कों की मरम्मत की. जिसके बाद इस मार्ग को खोला गया. एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि रोड का चौड़ीकरण और डामरीकरण बहुत जल्दी चालू हो जाएगा.

पढ़ें: नक्सलियों से लोहा ले रहे सरेंडर कर चुके नक्सली, देश सेवा की ली शपथ

कभी व्यापारिक केंद्र हुआ करता था जगरगुंडा

सुकमा जिले में स्थित जगरगुंडा नक्सलियों की पैठ मजबूत होने के पहले प्रमुख व्यापार केंद्र हुआ करता था. इमली, मिर्च, वन उपज खरीदी-बिक्री बड़ी मात्रा में होने के कारण यहां व्यापारिक केंद्र बन गया था. लेकिन नक्सलियों ने अरनपुर से जगरगुंडा तक अपना कब्जा किया और कच्ची सड़क पर जगह-जगह गड्ढे खोदे और आईईडी लगा दिए. नक्सलियों के कब्जे में होने के कारण आवाजाही बंद हो गई और यह रास्ता भी बंद हो गया.

दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा रोड पर करीब 15 साल बाद लोग आना-जाना कर सकेंगे. करीब डेढ़ दशक बाद ये रास्ता लोगों के लिए खोला गया है. नक्सलियों के आतंक की वजह से इस रास्ते से किसी का निकलना मुश्किल था. सोमवार को जगरगुंडा रोड आम लोगों के लिए खोली गई, इस दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव भी मौजूद रहे. 15 साल से सुकमा और दंतेवाड़ा के जवान इस सड़क की सुरक्षा में लगे हैं.

15 साल बाद खुला जगरगुंडा का रास्ता

इस रोड को खोलने में पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कमारगुड़ा में नया कैंप खुलने के बाद वहां सुरक्षित सड़क निर्माण और मजदूरों की सिक्योरिटी के लिए जवान तैनात किए गए हैं. जिसकी वजह से ये संभव हो पाया है.

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कमारगुडा से जगरगुंडा सिर्फ 4 किलोमीटर पहले स्थित है. इस कैंप के खुलने के बाद जुडवा नाला से कमारगुड़ा तक और कमारगुड़ा से और आगे जगरगुंडा तक नक्सलियों ने जगह-जगह IED प्लांट किए थे और सड़कों को खोद दिया था. एसपी अभिषेक पल्लव के निर्देश पर सीआरपीएफ, डीआरजी और महिला कमांडो ने आईईडी प्लांट को डिफ्यूज किया और सड़कों की मरम्मत की. जिसके बाद इस मार्ग को खोला गया. एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि रोड का चौड़ीकरण और डामरीकरण बहुत जल्दी चालू हो जाएगा.

पढ़ें: नक्सलियों से लोहा ले रहे सरेंडर कर चुके नक्सली, देश सेवा की ली शपथ

कभी व्यापारिक केंद्र हुआ करता था जगरगुंडा

सुकमा जिले में स्थित जगरगुंडा नक्सलियों की पैठ मजबूत होने के पहले प्रमुख व्यापार केंद्र हुआ करता था. इमली, मिर्च, वन उपज खरीदी-बिक्री बड़ी मात्रा में होने के कारण यहां व्यापारिक केंद्र बन गया था. लेकिन नक्सलियों ने अरनपुर से जगरगुंडा तक अपना कब्जा किया और कच्ची सड़क पर जगह-जगह गड्ढे खोदे और आईईडी लगा दिए. नक्सलियों के कब्जे में होने के कारण आवाजाही बंद हो गई और यह रास्ता भी बंद हो गया.

Last Updated : Dec 1, 2020, 1:04 PM IST
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