दंतेवाड़ा: प्रेरक संघ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गया है. संघ ने भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाये हैं. दंतेवाड़ा के चारों ब्लॉकों से 140 प्रेरक हड़ताल पर चले गए हैं. प्रेरक की भर्ती 2018 में की गई थी. जिसके तहत इन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाकर शिक्षा की अलख जगाने का दूत बनाकर भेजा गया. उन्होंने बखूबी अपना कर्तव्य निभाते हुए गांव में निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया. गांव में आने वाली समस्या जैसे राशन कार्ड, जॉब कार्ड, आधार कार्ड, गांव के लोगों का पेंशन फॉर्म भरना जैसी जिम्मेदारी निभाई.
भाजपा कार्यकाल में प्रेरकों को निकाल दिया. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के पहले अपने घोषणा पत्र में इन्हें नियमित करने का वादा किया था. कांग्रेस सरकार के 2 साल पूरे होने को आये हैं. लेकिन अब तक सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया. प्रेरकों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी चुनाव के समय आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही 15 दिनों के अंदर नियमित करके सभी प्ररकों को रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं होती है आने वाले समय में वे उग्र आंदोलन करेंगे.
संघर्षशील प्रेरक पंचायत कल्याण संघ का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
प्रेरक संघ अध्यक्ष कलावती आर्य ने बताया कि 2018 में केंद्र सरकार के साक्षर भारत मिशन के तहत उन्हें रोजगार दिया गया था. लेकिन यह योजना बंद कर दी गई. जिससे सभी प्रेरक बेरोजगार हो गए हैं. उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के पहले नियमितीकरण और रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन ये वादा अब तक पूरा नहीं हुआ.