दंतेवाड़ा: जिले को कोरोना मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. जिसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. दंतेवाड़ा में कोरोना मरीजों की संख्या कम हुई है. जिले में अबतक 92 हजार 938 लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है. जिसमें से 45 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों की संख्या 68 हजार 582 है.
कोरोना के खिलाफ जंग में सीआरपीएफ, डीआरजी के जवान, स्वास्थ्यकर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन दिन रात अपना योगदान दे रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों को शासन-प्रशासन ने सबसे पहले टीका लगवाया. जिला प्रशासन के लगातार प्रयासों के बाद दंतेवाड़ा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या कम होती नजर आ रही है. वहीं 'ब्लैक फंगस' के खतरे को देखते हुए डॉक्टर्स की टीम बनाई गई है.
एम्स डायरेक्टर नितिन नागरकर से जानिए कितना भयावह है 'ब्लैक फंगस'
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि जिले में 18 वैक्सीनेशन सेंटर बनाये गए हैं. जहां 27 सेशन में सुचारू रूप से टीकाकरण का काम चल रहा है. साथ ही गांव के लोगों को टीकाकरण केंद्र में चार और योजना का लाभ मिल रहा है. टीकाकरण के साथ-साथ इन ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन पंजियन कार्ड तुरंत बना कर दिए जा रहे हैं. इसका फायदा भी दिखाई दिया. 25 दिनों में ही 116 पंचायतों में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया.
दंतेवाड़ा में ऑक्सीजन की कमी नहीं
कलेक्टर ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए जिले में ऑक्सीजन बैड तैयार है. ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. कोरोना किट बांटी जा रही है. अभी तक हमने जिले में 30,000 से ज्यादा किट तैयार कर ग्रामीणों को बांट चुके हैं.
ब्लैक फंगस से निपटने जिला प्रशासन तैयार
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गंगेश ने बताया कि जिले में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए 18 कोविड सेंटर बनाए गए हैं. जहां सुचारू रूप से टीकाकरण कराया जा रहा है. गांव में टीकाकरण कराने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिनों की मदद ली जा रही है. ब्लैक फंगस को देखते हुए डॉक्टर्स की टीम बनाई गई है. यदि कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसका तत्काल इलाज किया जा सके.