दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से महज 21 किमी की दूरी पर पहाड़ और घने जंगल के बीच कमालूर गांव स्थित है. इस इलाके में नक्सली हमेशा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते आए हैं. 19 दिसंबर 2022 को यहां रेलवे पुलिस ने भी अपना कैंप स्थापित किया Police Help Center established in Kamalur है. इलाके के ग्रामीणों ने यहां पुलिस सहायता केंद्र की भी मांग की थी. जिसके बाद अफसरों ने सहायता केंद्र खोलने का निर्णय लिया. आज 31 दिसंबर को यहां पुलिस सहायता केंद्र का शुभारंभ कर दिया.
इस इलाके में नक्सली कई दफा रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा चुके हैं. पटरियां उखाड़ माल गाड़ियों को डिरेल किया है. साथ ही पैसेंजर ट्रेन को भी डिरेल किया गया है. नक्सलियों की वारदात की वजह से NMDC और रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है. नक्सल वारदात की वजह से ट्रेनों की रफ्तार इस मार्ग पर बेहद कम रखी जाती है, लेकिन, अब पुलिस फोर्स यहां तैनात होगी तो वारदातों में कमी आएगी. साथ ही रेलवे लाइन दोहरीकरण का भी काम किया जा सकेगा.
किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग घने जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. दंतेवाड़ा से आगे कमालूर, बासनपुर और झिरका का इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है. नक्सली आए दिन इसी जगह अधिकांश वारदात को अंजाम देते हैं. इसलिए रेलवे किरंदुल तक पैसेंजर ट्रेनों की आवजाही पर ब्रेक लगा देता है. इस रूट पर केवल 2 ही यात्री ट्रेन चलती है जबकि करीब 14 माल गाड़ियां चलती है.
ग्रामीणों ने भी कमालूर गांव में पुलिस सहायता केंद्र खोलने की मांग की थी. अफसरों ने कहा कि, ग्रामीणों की मांग के बाद और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया गया है. इलाके में शांति स्थापित होगी. साथ ही नक्सल प्रभावित इलाके के ग्रामीणों के साथ पुलिस का अच्छा समन्वय भी स्थापित