दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में मड़ई का आयोजन किया जाता है. इसमें छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी देवी-देवता और उनके छत्र आते हैं. करीब 11 दिनों तक चलने वाली इस मड़ई में हर साल 800 से ज्यादा देवी-देवता पहुंचते थे.
फागुन मड़ई कब है?: चैत्र नवरात्र के लिए आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने विचार विमर्श किया गया. फागुन मड़ई में 26 फरवरी को कलश स्थापना, 27 फरवरी को ताड़पलंगा धोनी रस्म, 28 फरवरी को खोर खुंदनी, 1 मार्च को नाच मांडनी, 2 मार्च को लम्हामार, 3 मार्च को कोडरीमार, 4 मार्च को चितलमार तथा 5 मार्च को गंवरमार रस्म होगी. 6 मार्च को गारी, आंवरामार एवं होलिका दहन और 7 मार्च को रंग भंग एवं पादुका पूजन होगी. 8 मार्च को मेला मड़ई और 9 मार्च को आमंत्रित देवी-देवताओं की विदाई के साथ ही फागुन मड़ई संपन्न होगी.
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कितने दिनों तक चलता है फागुन मड़ई: फागुन मड़ई के लिए सभी आवश्यक तैयारी समय पूर्व सुनिश्चित किये जाने का निर्णय आज विधायक देवती महेंद्र कर्मा की अध्यक्षता में की गई. राज्य खाद्य आयोग सदस्य विमल सुराना, जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा, कलेक्टर और अध्यक्ष टेम्पल कमेटी विनीत नंदनवार की उपस्थिति में आयोजित बैठक के दौरान लिया गया. इसके अलावा फागुन मड़ई में टेंट, लाइट डेकोरेशन, साउंड सिस्टम, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई. मीना बाजार के व्यवस्था के सबंध में भी चर्चा हुई. सभी रस्मों को विधि विधान के साथ पूरा करने लिए मांझी चालकी, सेवादारों आदि को दायित्व सौंपा गया.
बैठक में जनपद पंचायत अध्यक्ष गीदम अन्ति वेक, सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, एसडीएम कुमार बिश्वरंजन, संयुक्त कलेक्टर सुरेंद्र ठाकुर, जनपद पंचायत दंतेवाड़ा सीईओ कल्पना ध्रुव, तहसीलदार श्रीमती यशोदा केतारप, जिला प्रशासन के अधिकारी और प्रधान पुजारी श्री हरेन्द्रनाथ जिया, टेम्पल एस्टेट समिति के सदस्य, मांझी, चालकी, सेवादार, आदि उपस्थित थे.