दंतेवाड़ा: जिले में करोड़ों की लागत से जिला अस्पताल बनाया गया. ताकि अंदरूनी क्षेत्र के गांव वालों को सुविधा मुहैया कराई जा सके. लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. दूरस्थ इलाकों से मरीज तो पहुंच रहे हैं, पर उन्हें सिर्फ डॉक्टरों का इंतजार ही करना पड़ रहा है.
2 डॉक्टरों के भरोसे जिला अस्पताल
जिले में 2 शिशु रोग विशेषज्ञ है. जिसमें से एक डॉक्टर शिशु रोग विशेषज्ञ राजेश धुव की ड्यूटी कोविड 19 में लगाई गई है. दूसरी डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में ड्यूटी देती है. जिससे दूरदराज के ग्रामीणों को समय पर डॉक्टर नहीं मिल पा रहा है. जिला अस्पताल में दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को सुबह से लेकर 12:00 बजे तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है. फिर भी डॉक्टर नहीं मिल पाते जिससे मायूस होकर ग्रामीण घर वापस चले जाते हैं.
दूरस्थ इलाकों से आ रहे ग्रामीण
ETV भारत से बात करते हुए जिला अस्पताल पहुंचने वाले ग्रामीणों ने बताया कि वे सुबह 9 बजे से पालनार से पहुंचे थे. उन्हें डॉक्टर का इंतजार करते हुए 12 बज गए लेकिन डॉक्टर नहीं मिले. जबकि समय सारणी के हिसाब से डॉक्टरों को अपने चेंबर में 11:00 बजे से 2:00 बजे तक रहना है. ग्राम सूरीटिकरापारा से आई महिला ने बताया कि वो अपने दोनों बच्चों को जिला अस्पताल में दिखाने लाई थी. लेकिन सुबह से सिर्फ इंतजार ही करती रही.
रायगढ़: मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सोनोग्राफी मशीन पिछले एक साल से खराब
दो डॉक्टरों के भरोसे जिला अस्पताल
जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों राजेश धुव ने बताया कि जिले में दो ही डॉक्टर हैं जो बच्चे को देखते हैं. उनकी ड्यूटी कोविड में लगाई गई है. जिससे वे जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं देख पा रहे हैं. दूसरी डॉक्टर आशा कंवर अकेले ही पूरे हॉस्पिटल को देखती है. उनकी ड्यूटी ओटी में होने के कारण दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है. जिसके कारण यह स्थिति बनी हुई है. ध्रुव ने कहा कि समय रोस्टर बनाना चाहिए ताकि दूर दराज से आने वाले ग्रामीण परेशान ना हो और संबंधित डॉक्टर को दिखा सके.