दंतेवाड़ा: NMDC किरंदुल के श्रम संगठनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन देते हुए परियोजना में उत्पादन ठप कर दिया है. दंतेवाड़ा, बैलाडीला, किरंदुल और देश के अधिकांश ट्रेड यूनियन, फेडरेशन, और आल इंडिया NMDC वर्कर्स फेडरेशन ने हड़ताल का आह्वान किया.
एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन देते हुए NMDC किरंदुल परियोजना की दोनों श्रम संघों ने काम बंद कर दिया. राष्ट्रीय स्तर की 15 और स्थानीय स्तर की 2 मुख्य मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है. मांगों में प्रमुख रूप से एनआईएसपी नगरनार के डिमर्जर विनिवेशीकरण और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का विरोध किया गया है.
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केंद्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध
केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का भी जमकर विरोध किया गया. कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति और परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है. साथ ही एनएमडीसी में लंबित भर्ती प्रक्रिया को भी जल्द शुरू करने की मांग की गई हैं. एनएमडीसी का काम पूरी तरह ठप कर दिया है, जिससे एलडीसी परियोजनाओं को करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है.
देश भर में हो रहा विरोध प्रदर्शन
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है.यह हड़ताल केंद्र सरकार की कई नीतियों समेत विशेष तौर पर नये किसान और श्रम कानूनों के विरोध के लिए बुलायी गई है.
इन मांगों को लेकर है हड़ताल
- नई पेंशन नीति को वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू हो
- अंतिम वेतन निकासी का 50 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन मिले
- अव्यवहारिक टार्गेट के नाम पर कर्मचारी का शोषण बंद हो
- डाकघरों में कॉमन सर्विस सेंटर के प्रस्ताव पर रोक लगे
- डाकघर एवं आरएमएस में 5 दिन का कार्य सप्ताह लागू हो
- निजीकरण और निगमीकरण पर रोक लगे
- रोके गए मंहगाई भत्ते को पुनः जारी किया जाए
- कोरोना के कारण ऑफिस नहीं आने वाले और जान गंवाने वाले को तुरंत राहत दी जाए
- ड्यूटी अवधि में कोरोना के संक्रमण से जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके आश्रितों को तुरंत अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिले