दंतेवाड़ा: बुधवार को कुल 10 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में एसपी और सीआरपीएफ डीआईजी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. सरकार और बस्तर पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे घर वापसी अभियान से प्रभावित होकर लोन वर्राटू अभियान के तहत इन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इस दौरान दंतेवाड़ा एसपी ने सभी नक्सलियों का हाथ में तिरंगा पकड़ाकर स्वागत किया.
10 नक्सलियों ने किया सरेंडर: डीआईजी सीआरपीएफ विनय प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि "आज गणतंत्र दिवस 2023 के एक दिन पहले दो इनामी नक्सली सहित कुल 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है. यह बहुत ही सुखद विषय है कि पिछले कई महीनों से जो प्रशासन, पुलिस, सीएरपीएफ का समन्वय के साथ जिले को नक्सल मुक्त कराने का जो यह प्रयास चल रहा था. उसमें आज सबसे बड़ी और अहम कामयाबी मिली है. एक साथ कुल 10 महिलाएं और पुरुष नक्सलियों ने मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है."
डीआईजी सीआरपीएफ ने मीडिया की भूमिका को सराहा: डीआईजी सीआरपीएफ विनय प्रताप सिंह ने बताया कि" घर वापसी का जो प्रयास प्रशासन, पुलिस और सीआरपीएफ कर रही है, उस में आज बड़ी सफलता मिली है. कहीं न कहीं उनको यह महसूस हुआ है कि इसमें कोई भविष्य नहीं है. इसमें मीडिया का भी बहुत बड़ा योगदान है. इस अभियान के संदेश को मीडिया दूर दूर तक पहुंचा रही है. जिससे अंदरूनी क्षेत्रों में यह संदेश जा रहा है कि मुख्यधारा से जुड़ने के लिए युवा प्रोत्साहित हो रहे हैं. यह संतषजनक बात है कि दंतेवाड़ा में स्थिति सामान्य हो रही है."
मुख्यधारा से जुड़कर खेती किसानी करना चाहते हैं नक्सली: समर्पित नक्सलियों का कहना है कि, "वे सभी इस अभियान के तहत आत्मसमर्पण करके खुश है. नक्सली संगठन में उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन अब हम समाज के मुख्यधारा से जुड़कर खुश हैं और हम अब खेती किसानी करेंगें."
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"नक्सल गतिविधि खत्म होने तक प्रयास रहेगा जारी": डीआईजी सीआरपीएफ विनय प्रताप सिंह ने कहा कि" जब तक नक्सल गतिविधि खत्म नहीं हो जाती, हम यह प्रयास जारी रखेंगे. इसमें दो बटालियन के कमाडेंट का भी अहम योगदान है, जिसमें एक सुकमा में तैनात कमांडेंट 231 सीआरपीएफ बटालियन और दूसरे हैं वासूर इलाके में तैनात 195 सीआरपीएफ बटालियन है."
अब 591 नक्सलियों ने किया आत्मसर्पण: तक लोन वराटू अभियान के तहत कुल 149 इनामी नक्सली सहित 591 नक्सलियों ने आत्मसर्पण किया है. अधिकांश नक्सली निलवाया, इंद्रावती नदी पार और किरंदुल के मलांगिर, कटेकल्याण में सक्रिय थे. बड़ी उपलब्धि के दौरान दंतेवाड़ा पुलिस के साथ केन्द्रीय सुरक्षा बल के अधिकारी भी मौजूद थे.