दंतेवाड़ाः जिले में आत्मसमर्पण (Surrender) करने वाले नक्सली भी शासकीय योजनाओं का तेजी के साथ लाभ उठा रहे हैं. अपने अभियान के माध्यम से पुलिस और प्रशासन (Police And Administration) भी नक्सलियों को लगातार जागरूक करने पर मुहिम छेड़े हुए है.
देखा जाय तो 636 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. शासन द्वारा 10-10 हजार रुपए का प्रोत्साहन राशि दिया गया है. नक्सल से मुंह मोड़ने वाले युवाओं को अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं. 120 को शासकीय नौकरी (Government Job) दी गई है. 532 लोगों का राशन कार्ड (Ration Card) बना है. 407 लोगों ने अपना आधार कार्ड बनवाया.
440 लोगों का मतदाता पत्र कार्ड (Voter Card) बनाया जा चुका है. 392 लोगों को बैंक खाता की सुविधा भी दी गई. 459 लोगों को स्वास्थ्य बीमा कार्ड का लाभ दिया गया. 108 को आवास की सुविधा प्रदान की गई है. 190 लोगों को शासकीय सेवा (Government Service) के लिए प्रशिक्षण दिया गया.
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तेजी से बदल रही दंतेवाड़ा की तस्वीर
आत्म-समर्पित नक्सलियों को उनकी मंशानुसार कृषि, पशुपालन, अण्डा उत्पादन आदि के लिए ट्रेक्टर, बीज, उपकरण, पम्प, शेड निर्माण, गाय, बकरी, मुर्गी आदि का वितरण किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि लोन वर्राटु अभियान से दंतेवाड़ा जिले की तस्वीर बदल रही है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने जिन हाथों से स्कूल ढहाया था, आत्मसमर्पण के बाद उन्ही हाथों से फिर से मासापारा के स्कूल को बनाया. आत्मसमर्पित नक्सली (Surrendered Naxalites) एवं पीड़ित परिवार शासन की योजनाओं से रोजगार को अपना कर क्षेत्र विकास के कार्य कर रहें हैं.