दंतेवाड़ा: नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल कमेटी के ब्यूरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. नक्सलियों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़, फर्जी गिरफ्तारी और फर्जी आत्मसमर्पण कराने का आरोप लगाया है. साथ ही बीजापुर पुलिस कप्तान एसपी कमलोचन कश्यप, दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव और बस्तर आईजी पी सुंदरराज पर नक्सली संगठन के खिलाफ दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया है.
नक्सलियों ने कहा कि डीआरजी के जवान हाट बाजारों में जाते हैं और ग्रामीणों को पैसे का लालच देकर उन्हें नक्सली बनाकर आत्मसमर्पण करवाते हैं. साथ ही भोले-भाले ग्रामीणों को फोन और अन्य चीजों का लालच देखकर उन्हें मुखबिर बनाया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन के नाम पर आदिवासियों का शोषण कर रही है.
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प्रेस विज्ञप्ति में नक्सलियों ने लिखा है कि भूपेश सरकार रमन सिंह की सरकार के नक्शे कदम पर चल रही है. भूपेश सरकार बस्तर के जल, जंगल और जमीन को बेच कर यहां के भोले-भाले आदिवासियों को ठग रही है. यहां की औद्योगिक संपदा को पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है. उन्होंने लिखा कि बैलाडीला के एनएमडीसी में स्थानीय लोगों को रोजगार न देकर बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. यहां का बेशकीमती लोहा सरकार पूंजीपतियों को कौड़ी के भाव में बेच रही है.
शिक्षा निति का किया विरोध
नक्सलियों ने राज्य और केंद्र सरकार की शिक्षा नीति पर भी सवाल उठाये हैं. लिखा गया है कि वर्तमान शिक्षा नीति कमजोर है और सरकारें इस प्रकार की शिक्षा नीति से शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 3 हजार स्कूलों को बंद कर दिया है. जिससे बच्चों को पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई से आदिवासी बच्चे और गरीब बच्चों को नुकसान हो रहा है. दोनों सरकार की नई शिक्षा नीति सिर्फ बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है. इससे आदिवासी बच्चों का भला नहीं होने वाला है.