दंतेवाड़ा: पत्रकारों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गए हैं. नक्सलियों ने प्रेस रिलीज जारी कर पत्रकारों से विरोध खत्म करने का आग्रह किया है. प्रेस नोट में नक्सलियों ने कहा है कि पत्रकारों के मुद्दों को हमने समझ लिया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में चर्चा कर इस मसले को हल कर लिया जाएगा. फिलहाल पत्रकार नक्सली संगठनों का विरोध बंद कर दें.
नक्सलियों ने दी थी धमकी
12 फरवरी को बीजापुर में नक्सलियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए पत्रकारों और कॉरपोरेट घराने के लोगों को चेताया था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि भ्रष्टाचारियों और कॉरपोरेट घरानों के लोगों को जन अदालत लगाकर सजा दी जाएगी. 13 फरवरी को दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर पत्रकारों को धमकी दी. पत्रकारों के खिलाफ नक्सलियों ने पर्चे फेंके थे.
नक्सलियों के खिलाफ पत्रकारों के प्रदर्शन का सोनी सोरी ने किया समर्थन
नक्सलियों ने कहा है कि सरकार हजारों की संख्या में ग्रामीणों को बेदखल करने के लिए खदान और बांध शुरू करने का समझौता कर चुकी है. नक्सलियों ने पत्रकारों और समाजसेवियों पर इस पूरे मामले में सरकार का समर्थन करने का आरोप लगाया है. इसके बुरे अंजाम होने की बात कही थी. जिसके बाद लगातार पत्रकार संगठन और अन्य सामाजिक संगठन नक्सलियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. मामले में नक्सल संगठन ने जवाब दिया है.
नक्सलियों के खिलाफ हुए प्रदर्शन
- 14 फरवरी को बीजापुर में नक्सलियों के पर्चे फेंकने के बाद बीजापुर में पत्रकारों ने बैठक की. 16 फरवरी से 22 फरवरी तक धरना-प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई. नक्सलियों की करतूत का विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया.
- 15 फरवरी को जगदलपुर में सामाजिक संगठनों ने इसके विरोध में नक्सलियों का पुतला दहन किया.
- 16 फरवरी को पत्रकारों ने दंतेवाड़ा में बाइक रैली निकालकर नक्सलियों के फरमान का विरोध किया. बाइक रैली कंगाल से निकाली गई है.
- 16 फरवरी को पत्रकारों ने गंगालूर में एक रैली निकालकर सभा का आयोजन किया. नक्सलियों ने बीजापुर और सुकमा के पत्रकार को जान से मारने की धमकी का विरोध करते हुए जवाब मांगा.
- 18 फरवरी को कुछ पत्रकार गंगालूर से 10 किलोमीटर आगे नक्सलियों की मांद में घुसे. नक्सली स्मारक के सामने नक्सल विज्ञप्ति का उन्होंने विरोध जताया.
- 18 फरवरी को पत्रकारों ने बुरगुम गांव में धरना-प्रदर्शन किया. सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पत्रकारों के प्रदर्शन का समर्थन किया.