दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित बस्तर में पुनर्वास योजना का असर दिखाई देने लगा है. गुरुवार को एक ईनामी समेत दो नक्सलियों ने दंतेवाड़ा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. दोनों नक्सलियों ने पुनर्वास योजना के तहत चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर किया है. इनमें से एक आत्मसमर्पित मिलिशिया कमाण्डर है, जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 लाख रूपये ईनाम घोषित किया था.
दो नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण: दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान का असर दिखने लगा है. लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आईये) से प्रभावित होकर गुरुवार को दो नक्सलियो ने डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया है. इनमें मलांगेर एरिया कमेटी के बुरगुम पंचायत मिलिशिया कमाण्डर शंकर उर्फ पोज्जा और गंगालूर एरिया कमेटी के डुमरीपालनार पंचायत मेडिकल टीम सदस्य दशरु कुंजाम शामिल हैं. दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय और 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ अनिल कुमार प्रसाद के सामने दोनों सरेंडर किया. दोनों नक्सली अमानवीय, आधारहीन विचारधारा, शोषण, अत्याचार, बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से परेशान थे. जिससे तंग आकर दोनों नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
नक्सलियों को मुख्य धारा से जुड़ने की अपील: पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया "समर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदाय कराया जायेगा. जिससे वह अपना जन जीवन, पशु-पक्षी, परिवार के साथ जीवन जी सकें." पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने मुख्य धारा से भटके नक्सलियों से भी अपील किया है कि वे मुख्य धारा में जुड़कर आत्मसमर्पण कर पुनर्वास नीति का फायदा उठाएं.
अब तक 654 नक्सलियों ने किया है आत्मसमर्पण: दंतेवाड़ा में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चलाई जा रही पुनर्वास योजना सफल होती नजर आ रही है. इस योजना के तहत लगातार कई नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 167 ईनामी माओवादी सहित कुल 654 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.