दंंतेवाड़ा: नक्सली नेता हरिभूषण की कोरोना से मौत होने की पुष्टि हुई थी. नक्सली कमांडर हरिभूषण के बाद उसकी पत्नी की भी मौत हो गई है. फिलहाल उसकी पत्नी की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है. बताया जा रहा है कि 24 जून को उसकी मौत हुई है.
दंंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि पहले नक्सली कमांडर हरिभूषण और फिर उसकी पत्नी ने कोरोना से दम तोड़ा है. नक्सलियों को सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो रही है. तेलंगाना के कोत्तागुड़म से मिली सूचना के मुताबिक नक्सली कमांडर विकास, सोनू, जैनम और नंदू की भी हालत गंभीर होने की सूचना मिली है.
40 लाख रुपए का इनाम था घोषित
नक्सली लीडर हरिभूषण तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के कोट्टागुडा क्षेत्र के मारिगुडा गांव का रहने वाला था. 1995 में पीपुल्स वॉर गुरिल्ला में वह शामिल हुआ था. नक्सली हरिभूषण कई सालों से बस्तर के बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में सक्रिय था. नक्सल संगठन में हरिभूषण की सक्रियता को देखते हुए उसे तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई थी. उस पर 40 लाख रुपए का इनाम घोषित था. 21 जून को भद्राचलम (Bhadrachalam) के एसपी सुनील दत्त (SP Sunil Dutt) ने हरिभूषण के मौत पुष्टि की थी.
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पुलिस का दावा बीमार हैं कई बड़े नक्सली नेता
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव का दावा है कि अब भी नक्सलियों के बड़े लीडर DVCM मेंबर (डिविजनल कमेटी मेंबर) बीमार हैं. उनका दावा है कि 3 बड़े नक्सली DVCM मेंबर (divisional committee member) की हाल के दिनों में बीमारी से मौत हुई है. वहीं विनोद,राजेश,सोनू,आकाश और क्रांति जैसे बड़े नक्सली कैडर बीमार चल रहे हैं. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों की सेंट्रल कमिटी की जिद के कारण नक्सली संगठन के बीच कोरोना फैला है. उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया है. जो संक्रमण फैलने का बड़ा कारण माना जा रहा है. (5 divisional committee members sick)
तीन अन्य नक्सलियों की हुई मौत
- 27 मई को तेलंगाना के कोत्तागुड़म जिले में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की मौत हो गई थी. (Death of Korsa Ayatu) पुलिस का दावा है कि कोरोना संक्रमण से उसकी मौत हुई है.
- 5 जून को हैदराबाद में नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ (Chief of communication team of Naxalites) गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय (Gaddam Madhukar alias Sobrai) की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
- 13 जून को नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की मौत हो(death of Naxalite Mohan Rao) गई. सूत्रों के अनुसार नक्सली मोहन राव कोरोना से संक्रमित था. वहीं नक्सलियों ने मोहन की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है.
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कई नक्सलियों ने किया सरेंडर
प्रशासन की अपील का असर भी हुआ है. संगठन में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद से नक्सलियों में फूट देखने को मिली है. कई नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है. इनमें जिन नक्सलियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव थी उन्हें इलाज मुहैया कराया गया.बस्तर में प्रशासन पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि किसी भी हालात में नक्सलियों को दवा और खाद्य सप्लाई नहीं की जाएगी. प्रशासन लगातार नक्सलियों से अपील कर रहा है कि नक्सल विचारधारा को छोड़ नक्सली अगर मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला करते हैं तो प्रशासन उनका इलाज कराएगा. इसके अलावा पुनर्वास नीति का भी उन्हें लाभ दिया जाएगा. एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि लोन वर्राटू अभियान के तहत नक्सली समर्पण करें. (police appeal to Naxalites surrender )
क्या है लोन वर्राटू अभियान ?
लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए पुलिस ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों के नाम बैनर में लगाए हैं. ताकि ग्रामीण अपने उन लोगों को यह बात बता सके जो लाल आतंक से जुड़े हुए हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.