रायपुर : छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले विगत 04 अप्रैल 2022 से प्रदेश के सभी मनरेगा अधिकारी/कर्मचारी निरंतर 48 दिन से हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री के सकारात्मक पहल से 06 मई 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग महानदी भवन रायपुर ने मनरेगाकर्मियों की 02 सूत्रीय मांगों के संबंध में विचार करने के लिए 07 सदस्यों की समिति का गठन किया है. समिति से मनरेगा कर्मियों के लिए सकारात्मक निर्णय मिले ऐसे कामना के साथ मनोकामना सिद्धि हवन पूजा किया (MNREGA workers performed virtuous yagya in Dantewada ) गया .
मनरेगाकर्मियों की क्या है मांग : मनरेगाकर्मियों के मुताबिक ''छत्तीसगढ़ सरकार कहती है कि राज्य को केंद्र से कम आबंटन प्राप्त हुआ है,जिस कारण नियमतिकरण की प्रक्रिया पूर्ण करना संभव नहीं है, जबकि प्रतिवर्ष 150 करोड़ राशि सही उपयोग नहीं किये जाने के कारण वापस की जाती है. सरकार के नुमाइंदे ये भी कहते हैं कि गलत समय पर ये कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. जिससे गरीब मजदूरों का नुकसान हो रहा है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि ''मजदूर से भी दयनीय स्थिति हमारी है, प्रतिवर्ष मजदूरी दर में वृद्धि होती है. लेकिन साढ़े तीन वर्ष में एक बार भी वेतनवृद्धि नहीं हुआ है.वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी दर 204 रुपया है, अगर कोई मजदूर 30 दिन मजदूरी करे तो उसका मानदेय ग्राम रोजगार सहायक के वेतन से भी अधिक है.''
अफसरों पर लगे आरोप : आंदोलनकारियों के मुताबिक ''सरकार सबके लिए सवेंदनशील है लेकिन अफसरशाही ज्यादा हावी है, समिति गठन के 16 दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी एक बैठक नहीं होना, संघ के प्रतिनिधियों से बातचीत नहीं होना इसी बात का प्रमाण है कि कोई भी संवेदनशील नहीं है. जब कोई कर्मचारी समान कार्य पूरी शिद्दत से रात दिन कर रहा है, तो उसका वेतन आधा क्यों है? क्या महंगाई सिर्फ नियमित कर्मचारी के लिए बढ़ी है ? मनरेगाकर्मियों ने नियमितीकरण देने और सरकार से सकारात्मक और सहानुभूति पहल के लिए जिला दंतेवाड़ा के आंवराभाटा स्थित दुर्गा मंच में मनोकामना सिद्धि हवन पूजा किया (Two point demand of MNREGA workers in Chhattisgarh) गया .