दंतेवाड़ा : लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign ) के एक साल पूरे होने के बाद जिला पुलिस ने अब लोन वर्राटू पार्ट-2 की शुरुआत कर दी है. इस अभियान के तहत सरेंडर किए नक्सलियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और बैंक में खाता खुलवाया जा रहा है और उसमें पैसे भी डाले जा रहे हैं.
कटेकल्याण में नक्सलियों के खुले खाते, डाली गई राशि
दंतेवाड़ा के अलग-अलग थाना क्षेत्रों के सरेंडर नक्सलियों का उन्हीं के इलाकों में बैंक खाता खुलवाया जा रहा है. इसी के तहत कटेकल्याण थाना क्षेत्र (Katekalyan police station area) में 12 से अधिक नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर किया था. उनका पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव (Superintendent of Police Abhishek Pallav) ने बैंक में खाता खुलवाया. साथ ही सभी के खाते में 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी डाली.
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अब तक 375 नक्सलियों ने किया सरेंडर
लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा में अब तक 99 इनामी सहित कुल 375 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. वहीं, अब जिले में लोन वर्राटू अभियान पार्ट-2 चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 255 नक्सलियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनवाया जा रहा है.
नक्सलियों को दिया जा रहा लाभ
अभियान के तहत 104 सरेंडर नक्सलियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 16 नक्सलियों का सामूहिक विवाह भी कराया गया. साथ ही 21 सरेंडर नक्सलियों को ट्रैक्टर, मुर्गी और बकरी पालन के लिए शेड, तालाब निर्माण और मनरेगा जॉब कार्ड भी बनवाया गया है.
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19 नक्सलियों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज
अभी शुक्रवार को ही 9 नक्सलियों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की पहली डोज लगवाई गई थी. (corona vaccination of Surrendered Naxalites) पुलिस और प्रशासन ने सरेंडर नक्सलियों को यह टीका लगवाया था. बता दें कि दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign ) चलाया जा रहा है. इसके तहत 400 से ज्यादा नक्सली हथियार डाल चुके हैं. मुख्यधारा में लौटने के बाद सरेंडर कर चुके नक्सली शासन की नीति का लाभ ले रहे हैं.
लोन वर्राटू अभियान की खास बातें
- इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उनके लिए तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
- सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
- सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
- इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.